
नई दिल्ली। नेपोटिज्म (Nepotism debate) को लेकर बॉलीवुड में चल रही बहस का असर अब हर जगह दिखने लगा है। शनिवार को दिवंगत पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली (former finance minister late Arun Jaitley) के बेटे और वकील रोहन जेटली (Rohan Jaitley) दिल्ली एंव जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए DDCA) के निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए हैं। हालांकि, इसकी आधिकारिक घोषणा नौ नवंबर को की जाएगी, लेकिन इससे पहले ही राजनीतिक गलियारों और सोशल मीडिया पर नेपोटिज्म (Nepotism) को लेकर तीखी बहस छिड़ गई है। गौरतलब है कि दिवंगत नेता अरुण जेटली (Arun Jaitley) भी लंबे समय तक डीडीसीए (DDCA)के चीफ रहे थे। इसके बाद उनके दोस्त रजत शर्मा (Rajat Sharma) डीडीसीए के अध्यक्ष बने।
नौ नंवबर को होगा ऐलान
रोहन जेटली के अलावा इस पद के लिए जिन लोगों ने नामांकन भरा था उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया। इसकी आधिकारिक घोषणा हालांकि नौ नवंबर को की जाएगी। अब पांच से आठ नवंबर के बीच डीडीसीए के चार निदेशकों और कोषाध्यक्ष के पदों के चुनाव होंगे। नौ तारीख को वोटों की गिनती होगी और इसी दिन नतीजों का ऐलान किया जाएगा।
सुनील कुमार ने भरा था नामांकन
रोहन के सामने वकील सुनील कुमार गोयल ने नामांकन दाखिल किया था जो बाद में उन्होंने वापस ले लिया। कोषाध्यक्ष पद के लिए पवन गुलाटी की सीधी टक्कर शशी खन्ना से है। पवन, क्रिकेटर गौतम गंभीर के रिश्तेदार हैं, जबकि शशी बीसीसीआई के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष सी.के खन्ना की पत्नी हैं।
चार निदेशकों के लिए 9 लोग रेस में
चार निदेशकों के लिए नौ लोग रेस में हैं, जिनमें से चार-चार दो अलग ग्रुपों में से हैं, जिनमें अशोक शर्मा मामा, दिनेश कुमार शर्मा, करनैल सिंह और प्रदीप अग्रवाल हैं। वहीं सीके. खन्ना ग्रुप से हरिश सिंग्ला, हर्ष गुप्ता, मनजीत सिंह और सुधीर कुमार अग्रवाल हैं। वहीं एक अजीब नाम इसमें शामिल है, जिनके बारे में शायद ही कोई कुछ जानता हो और वो हैं प्रदीप कुमार अरोड़ा।
Updated on:
18 Oct 2020 12:12 pm
Published on:
18 Oct 2020 11:54 am
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