एक दिन पूर्व ही उन्होंने अपनी उम्र को लेकर खुलासा किया था कि वे अपनी कागजों में दर्ज उम्र से पांच साल बड़े हैं। इस खुलासे के बाद से ही पूरे क्रिकेट जगत में अफरीदी की किरकिरी हो रही है। खैर अब उन्होंने एक नया शगूफा छेड़ा है। उन्होंने कहा है कि साल 2010 में हुए स्पॉट फिक्सिंग ( spot fixing ) कांड की जानकारी उन्हें पहले से थी।
अफरीदी की मानें तो उन्होंने इस मामले की शिकायत टीम प्रबंधन से समय रहते की भी थी। तब टीम प्रबंधन ने उनकी बात को महत्व ने देते हुए उल्टा उन्हें ही टेस्ट टीम की कप्तानी से हटा दिया था।
खिलाड़ियों और एजेंट की बातचीत से भी अवगत थे अफरीदीः
अफरीदी ने अपनी आत्मकथा में खुलासा किया है कि वह मैच फिक्सिंग एजेंट मजहर माजीद और खिलाड़ियों के बीच हुई संदिग्ध बातचीत से अवगत थे। उन्होंने कहा कि ये बातचीत 2010 के श्रीलंका दौरे पर एशिया कप के दौरान हुई थी।
अफरीदी ने अपनी किताब में आगे जिक्र किया, “मैंने रैकेट में शामिल मूल सबूतों को पकड़ लिया था, जो फोन संदेश के रूप में स्पॉट फिक्सिंग विवाद में शामिल खिलाड़ियों के खिलाफ था। जब मैं उस सबूत को टीम प्रबंधन के पास ले गया और फिर इसके बाद आगे जो कुछ हुआ उसे देखकर पाकिस्तान की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम को चलाने वालों पर ज्यादा विश्वास नहीं होता।”
उन्होंने कहा, “श्रीलंका दौरे से पहले, माजीद और उनका परिवार चैंपियनशिप के दौरान टीम में शामिल हुए थे। माजिद के बेटे ने अपने पिता के मोबाइल फोन को पानी में गिरा दिया और फिर फोन ने काम करना बंद करना दिया था।”
पूर्व पाकिस्तानी कप्तान ने आगे कहा कि उन्होंने पाकिस्तान टीम के अधिकारियों को इस बारे में सतर्क करने की कोशिश की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
उन्होंने कहा, “जब मुझे वे संदेश श्रीलंका में मिले तो फिर मैंने उस संदेश को टीम के कोच वकार यूनुस को दिखाया। दुर्भाग्य से, उन्होंने इस मामले को आगे नहीं बढ़ाया। वकार और मैंने सोचा कि यह कुछ ऐसा है जिससे कुछ ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा।”
अफरीदी ने कहा, “यह कुछ ऐसा था कि जितना बुरा दिख रहा था, उतना था नहीं। यह सिर्फ खिलाड़ियों और माजीद के बीच की एक घिनौनी बातचीत थी। ये मैसेज ज्यादा हानिकारक नहीं थे लेकिन यह कुछ ऐसा था जिसे कि दुनिया बाद में पता लगा ही लेती।”
क्या था 2010 का स्पॉट फिक्सिंग कांडः
साल 2010 में पाकिस्तान क्रिकेट टीम ( Pakistan cricket team ) में बड़े स्पॉट फिक्सिंग कांड का खुलासा हुआ था। इस मामले में टीम के तीन प्रमुख खिलाड़ियों सलमान बट्ट, मोहम्मद आमिर और मोहम्मद आसिफ फिक्सिंग के दोषी पाए गए थे। बाद में इन तीनों पर आईसीसी ने बैन भी लगाया था।