अपने ताजा बयान में अख्तर ने कहा है कि जब वह खेला करते थे तब मैच फिक्सरों से घिरे रहते थे। अख्तर ने तो यहां तक कह दिया कि राष्ट्रीय टीम के लिए खेलते हुए उन्हें ऐसा लगता था कि वह 11 की टीम के साथ नहीं 21 की टीम के साथ खेल रहे हैं।
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44 वर्षीय अख्तर ने कहा, “मुझे हमेशा विश्वास था कि मैं पाकिस्तान को धोखा नहीं दे सकता, इसलिए मैच फिक्सिंग नहीं। मैं मैच फिक्सरों से घिरा हुआ था। मैं 21 खिलाड़ियों के साथ खेल रहा था जिसमें से 11 उनके और 10 हमारे खिलाड़ी होते थे। कौन जाने कौन मैच फिक्सर है। बहुत मैच फिक्सिंग हुआ करती थी। आसिफ ने मुझे बताया था कि उन्होंने कौन से मैच फिक्स किए थे और कैसे किए थे।”
साथी गेंदबाजों ने पैसों के लिए खुद को बेच दिया-
उन्होंने कहा, “मैंने आमिर और आसिफ को समझाने की कोशिश की। यह प्रतिभा को बर्बाद करना है। जब मैंने इस बारे में सुना तो मैं काफी दुखी हुआ और मैंने दीवार में मुक्का मारा। पाकिस्तान के दो शीर्ष गेंदबाज, दो शानदार तेज गेंदबाज बर्बाद हो गए थे। कुछ पैसों के लिए उन्होंने अपने आप को बेच दिया था।”
आपको बता दें कि साल 2010 में पाकिस्तान क्रिकेट टीम में एक बड़े फिक्सिंग कांड का खुलासा हुआ था। तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर, मोहम्मद आसिफ और तब के कप्तान सलमान बट फिक्सिंग में लिप्त पाए गए थे। इसके बाद इन तीनों को क्रिकेट खेलने से बैन कर दिया गया था।