
नई दिल्ली : राहुल द्रविड़ के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के नए अध्यक्ष सौरव गांगुली को भी हितों के टकराव मामले में क्लीन चिट मिल गई है। बीसीसीआई के एथिक्स अफसर और लोकपाल डीके जैन ने इस मुद्दे को विचार योग्य नहीं माना। बंगाल क्रिकेट संघ के पूर्व अध्यक्ष सौरव गांगुली ने सीएबी के अध्यक्ष के रूप में अपना इस्तीफा कैब सचिव अभिषेक डालमिया को सौंप दिया था। जैन ने अपने आदेश में कहा है कि गांगुली कैब से इस्तीफा चुके हैं। इसके बाद इस मामले में हितों का टकराव का कोई मुद्दा नहीं बनता।
जैन ने कहा, विचार योग्य भी नहीं है यह मुद्दा
डीके जैन ने अपने आदेश में कहा है कि उनके विचार से गांगुली को लेकर किसी भी तरह के हितों का टकराव का मुद्दा नहीं बनता। एथिक्स अधिकारी के सामने आया यह मुद्दा विचार करने योग्य भी नहीं है। इसलिए मौजूदा शिकायत को निपटाया जाता है। उन्होंने अपने आदेश में यह लिखा है कि इस आदेश की प्रतियां शिकायतकर्ता, गांगुली और बीसीसीआई को भी भेजी जाती हैं।
संजीव गुप्ता ने की थी शिकायत
मध्यप्रदेश क्रिकेट संघ के आजीवन सदस्य संजीव गुप्ता ने एथिक्स अधिकारी के सामने अपनी शिकायत दर्ज कराते हुए लिखा था कि सौरव गांगुली सीएबी अध्यक्ष और बीसीसीआई एजीएम में इसके प्रतिनिधि के रूप में कई पद पर काबिज हैं। जबकि गांगुली अपना इस्तीफा पहले ही कैब को भेज चुके थे। इस पत्र में गांगलुी ने कैब के सचिव अभिषेक डालमिया को लिखा है कि 23 अक्टूबर, 2019 को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में अपना कार्यभार संभालने के चलते वह तुरंत प्रभाव से बंगाल क्रिकेट संघ के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुके हैं।
Updated on:
17 Nov 2019 07:41 pm
Published on:
17 Nov 2019 07:40 pm
बड़ी खबरें
View Allक्रिकेट
खेल
ट्रेंडिंग
