नेट में सबसे खराब बल्लेबाज बताया
किरण मोरे ने कहा कि उन्होंने अपने करियर के दौरान जितने भी खिलाड़ियों को नेट्स में देखा, उनमें सुनील गावस्कर सबसे ज्यादा खराब थे। नेट्स में वह कभी प्रैक्टिस जैसा कुछ नहीं करते थे। मोरे ने कहा कि जब आप उनको नेट्स में प्रैक्टिस (Net Practice) करते देखते और उसके दूसरे दिन टेस्ट मैच खेलना होता था तो उन्हें देखकर डर जाते। लेकिन वहीं जब अगले दिन टेस्ट मैच में उन्हें खेलते देखते तो वह 99.9 प्रतिशत अलग होता था। वहीं जब उन्हें नेट में अभ्यास करते देखते तो सोच में पड़ जाते कि यह खिलाड़ी कल कैसे रन बनाएगा और जब दूसरे दिन उनकी बल्लेबाजी देखते तो कहते- वाह! क्या बात है।
एकाग्रता भगवान से तोहफे में मिली थी
किरण मोरे ने कहा कि भगवान ने जो सबसे बेहतरीन तोहफा सुनील गावस्कर को दिया था, वह थी उनकी एकाग्रता। उनमें जैसी एकाग्रता थी, उस पर यकीन करना मुश्किल था। एक बार जब वह अपने जोन में चले जाते तो फिर उनके आसपास भी कोई नहीं आ सकता था। वह कभी भी आपकी नहीं सुनते थे। आप उनके पास खड़े होकर बात करते या फिर सामने नाचने ही क्यों न लग जाएं वह अपने ही जोन में रहते थे। उनका ध्यान सिर्फ क्रिकेट पर रहता था।
सब डरते भी थे गावस्कर से
किरण मोरे इस दौरान का एक मजेदार किस्सा सुनाया। उन्होंने बताया कि सुनील बहुत ज्यादा अनुशासन में रहते थे। उन्हें याद है कि जब वह भारतीय टीम में आए थे तब हमने वेस्ट जोन के लिए एक साथ काफी घरेलू क्रिकेट खेला था। मोरे ने कहा कि उन्हें वानखेडे का एक टेस्ट मैच याद है, जब सुनील गावस्कर 40 या 30 रन बनाकर सस्ते में आउट हो गए थे। जब वह वापस लौट रहे थे तो सभी ड्रेसिंग रूम से खिसक लिए थे। पूरा ड्रेसिंग रूम खाली था। हर कोई मैदान के किसी ना किसी कोने में भागता दिख रहा था और उनसे बचने की कोशिश कर रहा था।