इस वजह से भी हो सकती है मुश्किल
वेस्टइंडीज ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में ड्यूक गेंद का इस्तेमाल किया था। विंडीज के दिग्गजों ने इसे आत्मघाती कदम बताया था। इसकी वजह यह है कि इंग्लैंड की टीम अपनी घरेलू टेस्ट सीरीज में इसी गेंद का इस्तेमाल करती है। लेकिन विंडीज के लिए यह रणनीति फायदे की रही और उसके तेज गेंदबाजों ने इसका फायदा उठाकर इंग्लैंड के बल्लेबाजों को बैकफुट पर धकेल दिया था। वह टेस्ट सीरीज में भारत के खिलाफ भी इसी गेंद का इस्तेमाल कर भारतीय बल्लेबाजों को असहज करने की कोशिश करेगा।
ड्यूक गेंद काफी स्विंग होती है और कई भारतीय बल्लेबाज स्विंग के खिलाफ असहज दिखते है। 2018 में इंग्लैंड में हुई पिछली पूरे टेस्ट सीरीज में विराट कोहली और कुछ हद तक चेतेश्वर पुजारा को छोड़कर कोई भी बल्लेबाज नहीं चल पाया था। इस वजह से भारत को पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में 4-1 से हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि यहां का कंडिशन इंग्लैंड जैसा नहीं है, इसलिए भारतीय बल्लेबाजी का हाल उतना बुरा होने की उम्मीद नहीं है। इसके अलावा चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे की तकनीक अच्छी है। यह टीम को मजबूती दे सकते हैं, लेकिन वहीं यह भी सच है कि रहाणे इन दिनों खराब फॉर्म से गुजर रहे हैं।
तेजी और उछाल भी भारतीय बल्लेबाजों की हमेशा से समस्या रही है। विंडीज ने इंग्लैंड के खिलाफ भी इसी हथियार का इस्तेमाल किया था। इसका फायदा भी उसे मिला था। ऐसी ही पिचों पर खेलने के आदी इंग्लैंड के लिए केमार रोच और शैनन ग्रैबियल ने समस्या खड़ी कर दी थी। इनके अलावा उनके पास कीमो पॉल जैसा स्विंग गेंदबाज भी है। ये तीनों ड्यूक गेंद से ऐसी पिचों पर भारतीय गेंदबाजों पर कहर बनकर टूट सकते हैं। खासकर रोहित शर्मा, ऋषभ पंत, केएल राहुल और हनुमा विहारी के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं। जहां रोहित शर्मा का टेस्ट रिकॉर्ड बेहद खराब है तो वहीं मयंक अग्रवाल पहली बार विंडीज में खेल रहे हैं, इसलिए यह देखने वाली बात होगी कि ये दोनों यहां कैसा प्रदर्शन करते हैं।