महेंद्र सिंह धोनी ट्विटर में बीते कुछ समय से ट्विटर पर कम सक्रिय हैं। उन्होंने अपना आखिरी ट्विट इस साल 8 जनवरी को की थी। माना जा रहा है कि ट्विटर ने महेंद्र सिंह धोनी के ट्विटर अकाउंट से इसी वजह से ब्लू टिक हटाया था। ट्विटर पर धोनी के करीब 8.2 मिलियन फॉलोअर हैं।
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बता दें कि इससे पहले भी ट्विटर ऐसे कई यूजर्स के अकाउंट से ब्लू टिक को हटा चुका है या फिर अकाउंट सस्पेंड कर चुका है, जो या तो काफी लंबे समय से एक्टीव नहीं है या फिर जिन्होंने कंपनी के पॉलिसी का उल्लंघन किया है।
क्या है कंपनी की पॉलिसी?
आपको बता दें कि ट्विटर की वेरिफिकेशन पॉलिसी के मुताबिक, यदि कोई यूजर्स अपना ट्विटर हैंडल बदलता है तो ब्लू टिक हटाया जा सकता है या फिर यदि कोई यूजर्स 6 महीने से अधिक समय से सक्रिय यानी एक्टीव नहीं है तो भी ब्लू टिक हटाया जा सकता है। ऐसे में चूंकि धोनी ने अपना आखिरी ट्विट 8 जनवरी 2021 को किया था और कंपनी की पॉलिसी के मुताबिक, 6 महीने से अधिक का वक्त हो चुका है। हिलाजा, कंपनी ने ब्लू टिका हटा लिया था, लेकिन अकाउंट सस्पेंड नहीं किया है।
पहले भी इन दिग्गजों के हटाए गए हैं ब्लू टिक
आपको बता दें कि इससे पहले भी कई दिग्गजों के ट्विटर अकाउंट से ब्लू टिक को हटाया गया है। हालांकि, विवाद बढ़ने से पहले ही वापस भी किया गया है। कुछ दिन पहले ही ही देश के नए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर के ट्विटर अकाउंट से ब्लू टिक हटा लिया गया था। चूंकि राजीव चंद्रशेखर ने अपना यूजर नेम चेंज किया था। हालांकि कुछ देर बाद ही ब्लू टिक वापस कर दिया गया था।
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वहीं इससे भी पहले पूर्व सूचना और प्रौद्योगिकि मंत्री रविशंकर प्रसाद और कांग्रेस नेता शशि थरूर के अकाउंट के सस्पेंड कर दिया गया था। इसको लेकर काफी विवाद हुआ था, जिसके बाद दोनों के अकाउंट को बहाल कर दिया गया था। इसके अलावा राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत और कई अन्य नेताओं के अकाउंट से भी ब्लू टिक हटाया गया था। लेकिन बाद में बहाल कर दिया गया था। गौरतलब है कि देश में जब से सूचना प्रौद्योगिकी को लेकर नया कानून लागू हुआ है, तब से ट्विटर और सरकार के बीच टकराव की स्थिति है।