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जब दादा के साथ हुई दादागिरी, बंदूक सामने होने पर भी जानें कैसे बचाई जान

किसी ने बियर की बोतल गांगुली को दे मारी, इस अचानक से हुए हमले से गांगुली एक दम चौंक गए पर उन्होंने कुछ रिएक्ट नहीं किया बोतल बगल में रख कर ऐसे बैठ गयें जैसे कुछ हुआ ही नहीं ।

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Prabhanshu Ranjan

Jul 08, 2018

saurav gun incident

जब दादा के साथ हुई दादागिरी, बंदूक सामने होने पर भी जानें कैसे बचाई जान

नई दिल्ली । क्रिकेट इतिहास में भारतीय टीम ने गांगुली की कप्तानी में कई रिकॉर्ड अपने नाम किए। भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली आज अपना 46वां जन्मदिन मना रहे हैं। पूर्व कप्तान हमेशा से अपने गर्म स्वभाव के लिए जाने जाते हैं, इसलिए इस बायें हाथ के बल्लेबाज को दुनिया दादा के नाम से जानती है । सौरव बस नाम से ही नहीं दादा थे उन्होंने अपनी दादागिरी के झंडे लगभग हर देश में जा कर गाड़े थे तभी वो विदेशी दौरे पर बतौर भारतीय टेस्ट कप्तान अपने समय में सबसे सफल रहे हैं। भारत के लिए 49 टेस्ट मैचों में कप्तानी करने वाले सौरव आज भी भारत के दूसरे सबसे सफल कप्तान हैं । अपनी दादागिरी के लिए मशहूर गांगुली के जीवन में कई ऐसे भी पड़ाव आए जब उन्होंने गुस्से को काबू में रख कर ठन्डे दिमाग से सिचुएशन को हैंडल किया । आज हम आपको एक ऐसे ही किस्से से रूबरू करवाने वाले हैं जब गांगुली पर ट्रेन के भीतर बंदूक तान दी गई थी ।

अपनी किताब में किया एक किस्से का जिक्र
गांगुली ने अपनी टेस्ट करियर की शुरुआत इंग्लैंड के खिलाफ साल 1996 में की थी । Beefy’s Cricket Tales नामक किताब में दादा ने उस दौरे पर घटी एक ऐसी घटना का जिक्र किया, जिसे वो आज तक भूला नहीं पाए हैं। दरअसल, मैच के बाद गांगुली नवजोत सिंह सिद्धू के साथ इंग्लैंड घूमने निकले थे और इस दौरान ट्रेन में उनकी मुलाकात कुछ ऐसे लोगों से हुई जो बिल्कुल होश में नहीं थे। इंग्लैंड में तब वो एक अंडर ग्राउंड ट्रेन में सफर कर रहें थे । सामने के सीट पर कुछ युवा भी थे, वो होश में नहीं थे और आपस में जोर-जोर से चिल्ला कर लड़ रहें थे। उस ग्रुप में कुछ युवतियां भी थी । किसी बात पर उनका झगड़ा बढ़ गया और बात हाथा-पाई तक जा पहुंच गई । इसी कर्म में किसी ने बियर की बोतल गांगुली को दे मारी, इस अचानक से हुए हमले से गांगुली एक दम चौंक गए पर उन्होंने कुछ रिएक्ट नहीं किया बोतल बगल में रख कर ऐसे बैठ गयें जैसे कुछ हुआ ही नहीं ।


सिद्धू आपा खो बैठें और बात बढ़ गई
इसके पहले बात और बढ़ती गांगुली उस डब्बे से निकलना चाहतें थे उन्होंने सिद्धू को चलने को कहा पर सिद्धू यह सब देख कर चुप नहीं रह पाएं और लड़कों से उलझ गए । बात बढ़ती जा रही थी, सिद्धू ने उनसे काफी देर तक बहस की, गांगुली ने समझदारी दिखाते हुए वहाँ से सिद्धू को लेकर निकलने में समझदारी समझी, और सिद्धू को लेकर चलने लगें । गांगुली को ऐसा करते देख एक लड़का भड़क गया और उसने गांगुली के ऊपर बंदूक तान दी। गांगुली ने लड़के को धक्का देकर वहां से भागना ही बेहतर समझा। गांगुली ने अपनी किताब में लिखा कि बंदूक देखकर एक पल के लिए उन्हें ऐसा लगा कि आज इसी ट्रेन में उनकी जिंदगी समाप्त हो जाएगी। गांगुली और सिद्धू सकुशल वहाँ से निकलने में सफल रहें ।