इंडियन एक्स्प्रेस से बातचीत के दौरान रिद्धिमान साहा ने कहा, 'मुझे अभी तक बीसीसीआई की तरफ से कोई संचार नहीं मिला है। अगर वे मुझसे (पत्रकार का) नाम उजागर करने के लिए कहते हैं, तो मैं उन्हें बताऊंगा। लेकिन, किसी के करियर को नुकसान पहुंचाना, किसी व्यक्ति को नीचा दिखाने का मेरा इरादा कभी नहीं था। इसलिए मैंने अपने ट्वीट में नाम का खुलासा नहीं किया था।'
रिद्धिमान साहा ने आगे कहा, 'यह मेरे माता-पिता के संस्कार नहीं है। मेरे ट्वीट का मुख्य उद्देश्य इस तथ्य को उजागर करना था कि मीडिया में कोई है जो इस तरह की चीजें करता है, एक खिलाड़ी की इच्छा का अनादर करता है। यह उचित नहीं था, जो मैं अपने ट्वीट के माध्यम से बताना चाहता था। जिसने किया है वह इसे अच्छी तरह जानता है। मैंने उन ट्वीट्स को पोस्ट किया क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि खिलाड़ियों को ऐसी चीजों का सामना करना पड़े। मैं यह संदेश देना चाहता था कि जो किया गया है वह गलत है और किसी और को इसे दोबारा नहीं करना चाहिए।'

रिद्धिमान साहा ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में सौरव गांगुली के साथ उनकी कोई बातचीत नहीं हुई है। हालांकि, भारत के पूर्व स्पिनर प्रज्ञान ओझा, जो वर्तमान में आईपीएल गवर्निंग काउंसिल में भारतीय क्रिकेटर्स एसोसिएशन (आईसीए) के प्रतिनिधि हैं, ने उनसे इस मामले में बातचीत की है।
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साहा ने कहा, 'ओझा ने मुझे फोन किया और कहा, 'मैं आपसे कुछ भी व्यक्तिगत नहीं पूछूंगा। अगर आपको लगता है कि आप इस पर आगे बढ़ना चाहते हैं या कानूनी रूप से मामले को आगे बढ़ाना चाहते हैं, तो बीसीसीआई आपका समर्थन करेगा। मैंने उससे कहा कि फिलहाल मैं इसके लिए तैयार नहीं था। उन्होंने इसका जवाब देते हुए कहा, यह पूरी तरह से मेरा फैसला होगा।'
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