
Yuvraj Singh
नई दिल्ली : टीम इंडिया (Team India) को 2007 में टी-20 विश्व कप (T20 World Cup) और 2011 में एकदिवसीय क्रिकेट विश्वकप जिताने वाले पूर्व हरफनमौला युवराज सिंह (Yuvraj Singh) का दर्द एक बार फिर उभर कर सामने आया। उन्होंने कहा कि लोग कामयाबियों की जितनी प्रशंसा नहीं करते, उससे ज्यादा विरोध नाकामियों का करते हैं। युवराज सिंह इंस्टाग्राम लाइव में यह बातें कही। बता दें कि 2014 टी-20 विश्व कप के फाइनल में युवराज सिंह बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाए थे और भारत को श्रीलंका के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद भारतीय प्रशंसक हिंसक हो उठे थे और उन्होंने युवराज सिंह सिंह को घेर लिया था। उनके घर पर पथराव भी किया था।
युवराज बोले, वह दिन मेरा नहीं था
युवराज सिंह ने टी-20 विश्व कप 2014 के फइनल को याद करते हुए कहा कि हार की पूरी जिम्मेदारी उन्होंने खुद अपने सिर ली थी। युवराज ने कहा कि हां, 2014 टी-20 विश्व कप फाइनल में वह अच्छा नहीं खेल पाए थे। इसकी जिम्मेदारी उन्होंने ली थी। उस दिन विराट कोहली और महेंद्र सिंह धोनी भी जूझ रहे थे। श्रीलंका के गेंदबाज लसिथ मलिंगा की यॉर्कर एकदम सटीक थी। युवराज ने कहा कि हर खिलाड़ी के करियर में ऐसा दिन आता है। वह उनका खराब दिन था और दुर्भाग्य से वह टी-20 विश्व कप का फाइनल था।
युवराज ने बताया, मुझे घेर लिया गया, पत्थर फेंके गए
युवराज ने बताया कि वह जब एयरपोर्ट पर उतरे तो मीडिया ने उन्हें घेर घेर लिया। वह उन पर चिल्ला रहे थे। इसके अलावा भारतीय प्रशंसकों ने उनके घर पर पत्थर भी फेंका था। उनके साथ ऐसा व्यवहार किया जा रहा था, जैसे वह कोई अपराधी हों। उन्होंने जैसे किसी को गोली मार दी हो। युवराज ने कहा कि उस दिन उन्हें लगा कि उनका करियर खत्म हो गया है। हालांकि इसके बावजूद उन्होंने यहां से वापसी की। विराट ने कहा कि 2007 में टी-20 विश्व कप और 2011 में एकदिवसीय विश्व कप हम जीत चुके थे। युवराज ने कहा कि ऐसा नहीं है कि इसका श्रेय उन्हें नहीं मिला, लेकिन उन्हें लगता है कि जब आप हारते हैं तो विरोध ज्यादा होता है। अपराधियों जैसे व्यवहार किया जाता है।
Updated on:
20 May 2020 12:15 pm
Published on:
19 May 2020 07:20 pm
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