
फोटो - प्रतीकात्मक है
विशिष्ट न्यायाधीश एससी-एसटी एक्ट अनिता सिंदल ने हत्या का प्रयास व एससी-एसटी एक्ट के 13 साल पुराने मामले में दो अभियुक्तों को आजीवन कारावास और दो को 10-10 साल के कारावास की सजा सुनाई है। न्यायालय ने चारों अभियुक्तों को अर्थदंड से भी दंडित किया है।
विशिष्ट लोक अभियोजक योगेन्द्र सिंह खटाणा ने बताया कि 9 मार्च, 2012 को थावरिया पुत्र रोहताश हरिजन निवासी झिरण्डिया ने थाना किशनगढ़बास ने थाने में मामला दर्ज कराया कि उसका चाचा जोरसिंह शौच के लिए बाहर जा रहा था।
इस बीच रास्ते में धर्मवीर, राजेन्द्र उर्फ रज्जू, बाबूलाल व राकेश ने एक राय होकर लाठी व फरसा आदि से उस पर जानलेवा हमला कर दिया। जिससे उसका चाचा गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे इलाज के लिए जयपुर भर्ती कराया गया। इस मामले में प्रकरण दर्ज होने के बाद पुलिस की ओर से कोर्ट में चालान पेश किया गया। इस दौरान न्यायालय में 13 गवाहों के बयान दर्ज कराए गए।
इसके आधार पर आरोपियों के खिलाफ दोष सिद्ध होने पर न्यायालय ने धर्मवीर व राजेन्द्र उर्फ रज्जू को 10-10 वर्ष का कारावास व एससी-एसटी एक्ट की धाराओं में आजीवन कारावास और बाबूलाल व राकेश को 10-10 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है।
Updated on:
27 May 2025 12:23 pm
Published on:
27 May 2025 12:22 pm
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