
नई दिल्ली। कुछ समय पहले पाकिस्तान में 7 साल की बच्ची जैनब का रेप और हत्या करने वाले दोषी को कोर्ट ने जब 4 बार फांसी की सजा सुनाई तो पूरी दुनिया में उसकी चर्चा होने लगी। अब ऐसा ही एक मामला भारत में भी सामने आया है। दुष्कर्म और हत्या के एक मामले में चेन्नई कोर्ट का फैसला भी चर्चा का विषय बन गया है। चेंगलपेट महिला कोर्ट ने 7 वर्षीय बच्ची के दुष्कर्म और हत्या के मामले में 23 वर्षीय आरोपी एस. दशवंत को दोषी को फांसी की सजा सुनाई है। इससे पहले उसे 46 साल तक जेल में सजा काटनी होगी।
पहले 46 साल की जेल फिर फांसी
सोमवार को विशेष न्यायाधीश पी. वेलमुरुगन ने मैकेनिकल इंजीनियर एस. दशवंत को पोक्सो एक्ट के तहत दोषी ठहराते हुए हत्या के मामले में फांसी की सजा दी है जबकि बच्ची के अपहरण, बलात्कार, सबूतों से छेड़छाड़ सहित पांच मामलों में दोषी पाते हुए उसे 46 साल की जेल की सजा सुनाई है।
पड़ोसी निकला बच्ची का बलात्कारी
मामला 6 फरवरी 2017 का है जब मुगलीवाक्कम में उसने पड़ोसी की सात साल की बच्ची हासिनी को बहला कर वह अपने घर ले गया। उसके साथ दुष्कर्म कर हत्या कर दी थी।
पाकिस्तान में भी आया ऐसा ही मामला
वहीं इससे पहले पूरे पाकिस्तान को दहला देने वाले जैन सात साल की मासूम बच्ची जैनब के अपहरण, रेप और हत्या के दोषी को भी पाकिस्तान की कोर्ट ने ऐसी सजा सुनाई थी। 23 साल के इमरान अली को एंटी टेररिस्ट कोर्ट ने इसे एक रेयर ऑफ द रेयरेस्ट अपराध मानते हुए सजा-ए-मौत मुकर्रर किया। लाहौर स्थित कोर्ट कहा कि गुनाह इतना गंभीर है कि बलात्कारी को कम से कम चार बार मौत की सजा मिलनी चाहिए। इतना ही नहीं कोर्ट ने दोषी को फांसीसे पहले 25 साल जेल की सजा भी काटनी होगी। इसके साथ ही 10 लाख रूपए का जुर्माना भी लगाया है।
Updated on:
20 Feb 2018 11:50 am
Published on:
20 Feb 2018 11:49 am
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