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बुराड़ी कांड में मृतकों को दिमाग पढ़कर घटना का खुलासा करेगी पुलिस, क्राइम ब्रांच की इस टीम को मिली जिम्मेदारी

अब अनसुलझे बुराड़ी कांड की जांच क्राइम ब्रांच की टीम मनोवैज्ञानिक पोस्टमॉर्टम (साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी) कर रही है।

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बुराड़ी कांड के मृतकों की होगी साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी, जानें क्या है मौत के बाद दिमाग पढ़ने का तरीका

नई दिल्ली। राजधानी के बुराड़ी में रहस्यमय तरीके से हुई 11 लोगों की मौतों का मामला सुलझने का नाम नहीं ले रहा है। अब जबकि घटना को हफ्ते भर से अधिक का समय हो चुका है, बावजूद इसके तस्वीर साफ होती नजर नहीं आ रही है। सबके दिमाग में केवल एक सवाल गूंज रहा है कि आखिर ऐसा क्या हुआ होगा कि परिवार के सभी लोगों ने मौत को गले लगा लिया।

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अब इस अनसुलझे मामले की जांच क्राइम ब्रांच की टीम मनोवैज्ञानिक पोस्टमॉर्टम (साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी) कर रही है। इसमें मृत 11 लोगों के दिमाग के पढ़ने का प्रयास किया जा रहा है। दरअसल, मेडिकल साइंस में इस प्रक्रिया को ब्रेन स्टडी भी कहा जाता है। मतलब मरने से पहले मृतक के दिमाग में क्या बदलाव आया होगा या उसकी दिनचर्या क्या रही होगी।

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दरअसल, साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी खासकर आत्महत्या वाले केसों में होती है। इसकी खास बात यह भी है कि इस प्रक्रिया में शव या उसकी बॉडी के किसी भी पार्ट की कोई जरूरत नहीं होती है। जब साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी की रिपोर्ट तैयार की जाती है तो उस समय पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अलावा मृतक से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर गौर किया जाता है। इसके साथ ही पड़ोसियों, परीचितों व घटना से जुड़े लोगों से बातचीत के आधार पर अलग-अलग एंगल पर गौर किया जाता है।

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साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी में टीम भाटिया परिवार से जुड़े कई अहम बिंदुओं पर जांच करेगी। जैसे कि परिवार के सदस्यों की वीडियो, सुसाइड से पहले की तैयारियां, घर में मिला रजिस्टर आदि। इन सबकी गहनता से जांच की जाएगी।