scriptFake E-Pass रैकेटः दिल्ली में केस सामने आते ही पुलिस की बढ़ी टेंशन | Fake E-pass scam revealed in Delhi from DC office in Rohini | Patrika News

Fake E-Pass रैकेटः दिल्ली में केस सामने आते ही पुलिस की बढ़ी टेंशन

locationनई दिल्लीPublished: May 25, 2020 01:07:34 pm

शक के दायरे में डीसी ऑफिस के कर्मचारी, Delhi Police ने जांच शुरू की।
कुछ ही लोगों के पास थे Lockdown E-Pass के लॉग-इन पासवर्ड, कैसे हो गए लीक?
16 मई के बाद अचानक बढ़ गई E-Pass Issue होने की संख्या।

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नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली ( Delhi Crime News ) में लॉकडाउन के दौरान फर्जी ई-पास ( Lockdown E-Pass ) बनाने संबंधी घोटाला सामने आया है। रोहिणी जिले के कंझावला थाना क्षेत्र स्थित डीसी (उपायुक्त) कार्यालय में बड़ी संख्या में कंप्यूटर पासवर्ड हैक कर थोक में E-Pass जारी कर दिए गए। शुक्रवार को मामले का भांडा ( Fake E-Pass Racket ) फूटने के बाद कंझावला पुलिस ने केस दर्ज करके मामले की जांच शुरू कर दी है।
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घटना की पुष्टि करते हुए Delhi Police के एक अधिकारी ने ने बताया कि एसडीएम कंझावला ने इस फर्जीवाड़े की लिखित FIR थाने में दर्ज कराई है। पुलिस का कहना है कि जांच के बाद ही इस मामले में कुछ कहा जा सकता है। इस बात की भी आशंका है कि इस फर्जीवाड़े में डीसी कार्यालय के ही किसी कर्मचारी का हाथ हो।
सूत्रों के मुताबिक अब तक हुई जांच इस दिशा में जा रही है कि शायद कंप्यूटर लॉग-इन आईडी और पासवर्ड में छेडछाड़ की गई थी। E-Pass Scam की भनक पहले डीसी दफ्तर में ही कुछ सीनियर ऑफिसर्स को लगी थी। पुलिस ने कंझावला धाने में IT Act के तहत केस दर्ज किया है।
ई-पास
इस मामले में अब तक जिन कर्मचारियों से छानबीन की गई है, उनसे कुछ ठोस तो नहीं मगर काफी जानकारियां मिली हैं। जानकारी सामने आई है कि यह फर्जीवाड़ा 16 मई से शुरू हुआ। डीसी दफ्तर के अफसरों को उस वक्त शक हुआ जब अचानक इस दौरान E-Pass Issue होने की संख्या में इजाफा हो गया। जबकि पूरे लॉकडाउन के दौरान एक साथ एक दिन में इतनी बड़ी तादाद में E-Pass कभी issue नहीं हुए थे।
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जिला डीसीपी प्रमोद कुमार मिश्रा के मुताबिक अभी काफी कुछ जांच बाकी है। जांच पूरी होने पर ही कुछ कहा जा सकता है। इस बाबत डीसी आफिस में तैनात कई कर्मचारियों को पूछताछ में शामिल होने को कहा गया है। इन सबको बाकायदा नोटिस जारी करके बुलाया गया है।
शिकायत के मुताबिक Online E-Pass सरकारी वेबसाइट पर जो आवेदन किए गए थे, उन्हें अफसर की संस्तुति के लिए लॉग-इन पासवर्ड कॉपी किया गया था। उसके बाद से ही अचानक E-Pass बनने की संख्या में बढ़ोतरी पकड़ी गई। यह ई-पास सेंटर दिन-रात खुला रहता था, ताकि हर वक्त इन्हें जारी किया जा सके। इसके पासवर्ड भी कुछ जिम्मेदार कर्मचारियों के पास थे। फिलहाल पुलिस जानने में जुटी है कि आखिर पासवर्ड लीक कैसे हुआ।
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