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बुराड़ी केस: सामने आया ‘मौत के रजिस्टर’का पहला पन्ना, 6 महीने के लिए ललित की चली गई थी आवाज

रजिस्टर के पहले पेज में बताया गया है कि ललित की हादसे में आवाज चली गई थी और करीब 6 महीने के बाद आवाज लौटी थी।

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Kapil Tiwari

Jul 04, 2018

Burari Case

Burari Case

नई दिल्ली। बुराड़ी के संत नगर इलाके में भाटिया परिवार के 11 सदस्यों की मौत के मामले में रोजाना नए-नए खुलासे हो रहे हैं। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम अभी भी जांच में जुटी हुई है। इस बीच मीडिया में उस रजिस्टर का पहला पेज सामने आया है, जिससे तंत्र-मंत्र की वजह से मौत होने की बात कही जा रही थी। इस पन्ने के जरिए ये पता चला है कि भटिया परिवार के छोटे बेटे ललित भाटिया की आवाज 10 साल पहले चली गई थी। इस पेज में एक घटना का भी जिक्र किया गया है, जिसमें लूट की वारदात के दौरान उनका गला दबाया गया और ललित की आवाज चली गई।

6 महीने तक ललित भाटिया की चली गई थी आवाज
इस हादसे के बाद जब ललित का इलाज चल रहा था तो उनका झुकाव पूजा-पाठ और धार्मिक कामों में ज्यादा हो गया। ललित का बोलना लगभग 6 महीने तक बिल्कुल बंद रहा था। इसी समयसीमा में ललित के पिता गोपाल दास की मौत हो गई और इसके बाद ललित की आवाज वापस आ गई। लेकिन वह खुद की नहीं बल्कि पिता की टोन में बात करने लगा। ललित की आवाज का वापस लौटना भाटिया परिवार के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं था। इसके बाद ललित की धार्मिक आस्था बढ़ गई और वह ज्यादा पूजा-पाठ करने लगा।

पुलिस की एफआईआर ने बदल दी है एक थ्योरी
पुलिस की एफआईआर में एक फैक्ट जो बदल गया है, वो ये है कि जिस वक्त शव मिले थे बताया जा रहा था कि ललित के हाथ-पांव खुले हुए थे, लेकिन पुलिस की एफआईआर में कहा गया है कि जिस वक्त लाशें मिलें, उस समय ललित के हाथ-पांव बंधे हुए थे। इससे हत्या की अटकलें खारिज होती दिख रही हैं। पुलिस की एफआईआर के मुताबिक, शुभम का मुंह, हाथ व आंख, टीना का मुंह, भुवनेश के पैर व आंखों पर पट्टी लिपटी मिली थी। वहीं, प्रियंका के हाथ, मुंह और आंखें, नीतू के हाथ, पैर और आंख, मोनू के पैर, ध्रुव के पैर, मुंह व आंखें और सविता के पैर, मुंह और प्रतिभा के कमर से हाथ बंधे थे।

आज भी मिले हैं दिल्ली पुलिस को रजिस्टर
मीडिया रिपोर्ट्स की जानकारी के मुताबिक, पुलिस की टीम को बुधवार को कुछ और रजिस्टर मिले हैं, जिनमें 2011 की लिखाई बताई जा रही है। इन रजिस्टरों में भी पहले मिले रजिस्टर जैसी बाते लिखी है। इनकी फैमिली, जो रिश्तेदार सगाई में आए थे उनसे और पड़ोसियों से बच्चों के दोस्तों से बात हुई लिखी है।

रजिस्टर में लिखी हैं ये बातें
दिल्ली पुलिस को जो रजिस्टर मिले हैं उसमें 27 मई 2013 की तारीख का जिक्र है, जिसमें लिखा है कि ध्यान रखो अपनी गलती को, सुन कर मन छोटा ना करो, जो गलती की है, वो गलती स्वीकार कर आगे बढ़ो वर्तमान की बात करो, भविष्य अपने पास से अच्छा बनेगा, आर्थिक और मानसिक परेशानी का सामना तो एक जुट होकर किया जा सकता है।