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दायर याचिका में क्या कहा था हनिप्रीत ने
मीडिया रिपोर्टे के मुताबिक हनीप्रीत ने कोर्ट में जमानत याचिका डाली थी, जिसमें उसने कहा था कि उसे पंचकूला हिंसा में बेवजह फंसाया जा रहा है। उसने कहा कि इस हिंसा में उसका कोई हाथ नहीं था। हनिप्रीत ने कहा कि 25 अगस्त 2017 को पंचकूला में जब हिंसा हो रही थी उस समय वह डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के साथ थी। जब राम रहीम को सजा हुई थी तब में उनके साथ पंचकूला से सीधा सुनारिया जेल रोहतक चली गई थी।
देशद्रोह का है आरोप
बलात्कारी बाबा की बेटी ने आगे कहा, ‘एफआईार में मेरा नाम पहले नहीं था। मेरा नाम बाद में डाला गया और मुझे पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया, बल्कि मैं खुद 3 अक्तूबर 2017 को आत्मसमर्पण करने के लिए आ गई थी। FIR नंबर 345 के अन्य 15 आरोपियों को जमानत मिल चुकी है तो 245 दिन जेल में रहने के बाद मैं भी जमानत की हकदार हूं। महिला होने के चलते मुझे रियायत दी जानी चाहिए।’
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हनीप्रीत ने रची थी पूरी साजिश
बता दें कि पुलिस ने हनीप्रीत की जमानत याचिका का विरोध किया गया है। पुलिस का कहना है कि हनीप्रीत ने ही इस हिंसा का पूरी कहानी लिखी थी। इस हिंसा में बड़े स्तर पर नुकसान हुआ था। कम से कम 40 लोगों को अपनी जान गवांनी पड़ी थी। उस दौरान खट्टर सरकार पंचकूला हिंसा को रोकने में नाकाम रही थी, जिसके बाद उनकी काफी आचोलना हुई थी।