
Indian companies on target of Chinese hackers
नई दिल्ली। लद्दाख ( Tension In Galwan Valley ) में भारत-चीन सीमा पर बढ़ते तनाव ( india-china dispute ) के बीच साइबर इंटेलिजेंस फर्म साइफर्मा की एक रिपोर्ट ने भारतीय कंपनियों को ( Indian companies ) अपनी साइबर सिक्योरिटी बढ़ाने के लिए मजबूर किया है। खबर है कि चीन की सेना के बाद अब चीनी हैकर्स ( chinese hackers ) भारतीय कंपनियों को निशाना बना सकते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक ड्रैगन के हैकर्स ( cyber criminals ) डार्क वेब ( Dark web ) पर भारत की मीडिया, फार्मा और दूरसंचार कंपनियों को निशाना बनाने की योजना बना रहे हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक बीते 9 दिनों में सीमा पर बिगड़े हालात को लेकर चीन की हैकर्स कम्यूनिटी के बीच चर्चा काफी तेज हो गई है। इन हैकर्स के बीच बार्डर की टेंशन के साथ ही भारत को सबक सिखाने से जुड़ी चर्चा हो रही है।
रिपोर्ट में इन साइबर अपराधियों द्वारा की गई बातचीत की ओर ईशारा करते हुए कहा गया है कि यह चीनी भाषा में की गई थी। इसमें हैकर्स की चर्चा भारतीय प्रेस-मीडिया, निजी और सार्वजनिक दूरसंचार कंपनियों के साथ रक्षा प्रतिष्ठानों की वेबसाइट, भारतीय फार्मा, स्मार्टफ़ोन, निर्माण और टायर कंपनियों पर केंद्रित थी।
हैकिंग करने के लिए तैयार हैकर्स के ग्रुप के नाम गॉथिक पांडा और स्टोन पांडा बताए जा रहे हैं, जो चीन की सेना पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी के साथ नजदीकी संबंध रखते हैं।
बताया गया है कि ये साइबर अपराधी विशेष मैलवेयर के इस्तेमाल से वेब एप्लिकेशन, डेटा एक्सफिल्ट्रेशन (होस्ट सिस्टम से हैकर को डेटा भेजना) की खामियों से कंपनियों की वेबसाइट को बेकार करने, उनकी सेवाओं को खत्म करने, कंपनियों की वेबसाइट से मिलती-जुलती डुप्लीकेट साइट तैयार करने और फिशिंग करने की योजना बना रहे हैं।
रिपोर्ट में बिल्कुल सटीक जानकारी देते हुए बताया गया कि बीती रात तक 24 घंटों में पता चला है कि हैकर्स ने डार्क वेब फोरम पर एक सूची रखी है, जिसमें टाइम्स ऑफ इंडिया, रिपब्लिक टीवी, एनडीटीवी, हिंदुस्तान टाइम्स, एक्स-टीवी, आजतक और दैनिक जागरण जैसे मीडिया हाउसों को निशाना बनाने के लिए कहा गया है।
इस सूची में शामिल कंपनियों में जियो, एमआरएफ टायर्स, सन फार्मास्युटिकल, एयरटेल, सिप्ला, इंटेक्स टेक्नोलॉजी, माइक्रोमैक्स, बीएसएनएल, अपोलो टायर्स और एलएंडटी का नाम शामिल हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन सरकारी साइटों पर हमले हो सकते हैं उनमें विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय शामिल है।
Updated on:
18 Jun 2020 03:46 pm
Published on:
18 Jun 2020 03:40 pm
बड़ी खबरें
View Allक्राइम
ट्रेंडिंग
