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कसौली: महिला ऑफिसर की हत्या का आरोपी होटल मालिक गिरफ्तार

सुप्रीम कोर्ट ने कसौली के 13 होटलों के अवैध निर्माण गिराने के आदेश दिए थे। जिसके मद्देनजर मंगलवार प्रशासनिक टीम कार्रवाई करने के लिए कसौली पहुंची।

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Siddharth chaurasia

May 03, 2018

Kasauli Murder case

सोलन। कसौली हत्याकांड के आरोपी विजय कुमार सिंह को यूपी के वृंदावन से गुरूवार को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी होटल मालिक को हिमाचल प्रदेश और दिल्ली पुलिस की संयुक्त टीम ने गिरफ्तार किया है। इस मामले में डीसी सोलन ने मीडिया में पुष्टि कर दी है। इससे पहले गुरूवार को खबरें आई थी कि देर शाम आरोपी विजय कुमार सिंह सरेंडर कर सकता है। लेकिन पुलिस ने सूचना के आधार पर आरोपी होटल मालिक को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि पुलिस को आरोपी के रिश्तेदारों ने उसकी लोकेशन की सूचना दी थी। जिसके बाद पुलिस की संयुक्त टीम ने सूचना के आधार पर दबिश दी।

एनजीटी, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हुई थी कार्रवाई

बता दें कि एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट ने कसौली के 13 होटलों के अवैध निर्माण गिराने के आदेश दिए थे। जिसके मद्देनजर मंगलवार दोपहर प्रशासनिक टीम कार्रवाई करने के लिए कसौली पहुंची। कुछ होटलों पर कार्रवाई करने के बाद सहायक टाउन प्लानर शैल बाला शर्मा के नेतृत्व में प्रशासन की टीम दोपहर ढाई बजे मंढोधार में नारायणी गेस्ट हाउस पहुंची। इसी पर होटल के स्टाफ और मालिक से शैल बाला शर्मा की कहासुनी हो गई। दोनों के बीच कहासुनी इतनी बढ़ी की होटल के मालिक विजय कुमार सिंह ने अपना आपा खो दिया और बाला शर्मा पर फायरिंग कर दी। विजय कुमार सिंह ने तीन बार फायरिंग की। जिसमें से दो गोली बाला शर्मा के सिर में जा लगी। वहीं एक गोली लोनिवि के कर्मचारी को जा लगी। सिर में गोली लगने की वजह से बाला शर्मा ने मौके पर ही दम तोड़ दिया, लेकिन लोनिवि का कर्मचारी बुरी तरह जख्मी हो गया।

घटना स्थल पर पुलिस की दिखी लापरवाही

आनन-फानन में पुलिस की मदद से उसे चंडीगढ़ अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है। इस घटना को तत्काल संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखाई। कोर्ट ने कहा कि इस हत्या की वजह हमारे आदेश की तामील नहीं, बल्कि सरकार, पुलिस और प्रशासन का लचर रवैया है। इन्होंने अवैध कब्जा करने वालों को खुली छूट दे रखी है। उन्हें कानून का डर नहीं है। कोर्ट ने 9 मई तक स्टेटस रिपोर्ट मांगी है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार का अवैध निर्माण पर कोई नियंत्रण नहीं है। इसके साथ ही कानून-व्यवस्था पर भी कोई ध्यान नहीं है। यही कारण है कि इस तरह की हत्या दिनदहाड़े हो जाती है। कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि सरकार को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। राज्य सरकार ने बताया कि पीड़ित परिवार को 5 लाख रुपये मुआवजा दिया गया है।