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मजिस्ट्रेट के घर पर दाखिल की थी चार्जशीट
इसके साथ ही जम्मू और कश्मीर सरकार ने कोर्ट में दाखिल अपने हलफनामे में बताया था कि विपरीत माहौल के चलते चार्जशीट कोर्ट में दाखिल नही हो पाई थी, जिसको बाद में मजिस्ट्रेट के घर पर दाखिल किया गया था। विशाल इस दुष्कर्म-हत्या के मास्टरमाइंड सांझी राम का बेटा है। वहीं जम्मू एवं कश्मीर पुलिस की अपराध शाखा ने कठुआ दुष्कर्म-हत्या मामले में बचाव पक्ष के वकील द्वारा कथित रूप से ‘विकृत तथ्यों को फैलाने’ के खिलाफ न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की बात कही। सूत्रों के अनुसार जांच एजेंसी ने इस संबंध में एक सीडी की रिकार्डिग पर संज्ञान लिया है, जिसमें मामले के एक गवाह को यह दावा करते हुए सुना और देखा जा सकता है कि अपराध शाखा के अधिकारियों ने उसपर मामले के आठ आरोपियों में से एक विशाल शर्मा के खिलाफ बयान देने का दबाव बनाया।
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सीडी प्रकरण पर आरोप
बता दें कि बचाव पक्ष के वकील पर एक दंडाधिकारी के समक्ष प्रत्यक्षदर्शियों के दिए गए बयान के तौर पर सीडी की सामग्री को लोगों के सामने पेश करने का आरोप है। शुरुआती जांच से पता चला है कि लोगों का ध्यान भटकाने के लिए वकील ने सीडी को न्यायालय परिसर से बाहर तैयार किया था। जानकारी के अनुसार यह निश्चित ही गवाहों पर दबाव डालने का प्रयास है। हमें इस मामले से जुड़ी संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए तत्काल कदम उठाने होंगे।
इस जघन्य दुष्कर्म-हत्या मामले की सुनवाई 28 अप्रैल को होगी। अपराध शाखा ने 21 अप्रैल को कहा था कि इस मामले के संबंध में मीडिया के एक समूह द्वारा फैलाई गई रपट ‘फर्जी’ है। अपराध शाखा ने कहा था कि चिकित्सा विशेषज्ञों ने आठ वर्षीय बच्ची के साथ यौन उत्पीड़न और हत्या की पुष्टि की थी, जिसके संबंध में मामला कठुआ जिले के हिरानगर में दर्ज है।