
मोहाली स्थित पंजाब पुलिस के इंटेलीजेंस हेडक्वार्टर पर हुए ग्रेनेड हमले के मामले में आज पंजाब के डीजीपी वीके भावरा ने प्रेस क्रॉन्फ्रेंस कर कई अहम खुलासे किए। उन्होंने हमले के बाद अभी तक पुलिस द्वारा मामले में हुई छानबीन के बारे में जानकारी दी। साथ ही यह भी बताया कि इस हमले में कौन-कौन लोग शामिल थे। पूरे ब्लास्ट को किस तरह से प्लान किया गया। डीजीपी ने हमले के मास्टरमाइंड के नाम का भी खुलासा किया है।
पंजाब के डीजीपी वीके भावरा ने बताया कि इस हमले का मास्टरमाइंड लखबीर सिंह लांडा है, जो तरनतारन का रहने वाला है। लांडा खालिस्तानी आतंकी हरविंदर सिंह रिन्दा का करीबी है। डीजीपी ने बताया कि लखबीर सिंह लांडा ने 2017 में भारत छोड़ दिया था। अभी वह कनाडा में रह रहा है। उसने पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसी आईएसआई की मदद से इस हमले को अंजाम दिया।
डीजीपी ने बताया कि अभी तक इस मामले में छह लोगों को कंवर बाथ, बलजीत कौर, बलजीत रेम्बो, आनंददीप सोनू, जददीप कांग और निशांत सिंह। इसके अलावा इस हमले में बिहार के दो और लोगों की भूमिका थी, जिनके नाम है- मो. नसीम आलम और सरफराज। हालांकि ये दोनों अभी तक फरार है। इनकी तलाश की जा रही है। जरूरत पड़ने पर इन दोनों को गिरफ्तार करने के लिए बिहार पुलिस से भी मदद ली जाएगी।
डीजीपी ने बताया कि ब्लास्ट में निशान सिंह नामक आरोपी ने लोगों को शेल्डर किया था, आरपीजी मुहैया करवाई थी। बताते चले कि बीते सोमवार शाम करीब 7.30 पर पंजाब पुलिस के मोहाली में गुरुद्वारा सोहाना साहिब के नजदीक स्थित इंटेलीजेंस हेडक्वार्टर की इमारत पर आरपीजी से हमला हुआ था। खुफिया विभाग के दफ्तर की तीसरी मंजिल पर रॉकेट जैसी कोई वस्तु आकर गिरी, जिससे धमाका हुआ। इस ब्लास्ट में ऑफिस के कई शीशे टूट गए। गनीमत रही कि इस ब्लास्ट में कोई हताहत नहीं हुआ।
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Published on:
13 May 2022 05:24 pm
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