
मॉक ड्रिल के लिए की गई तैयारियों का जायजा लेते जिलाधिकारी
Mock Drill : पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच हालात नाजुक बने हुए हैं। यही कारण है कि सरकार ने सभी जिलों को अपने-अपने क्षेत्रों में मॉक ड्रिल यानी एमरजेंसी वाली परिस्थितियों से निपटने का अभ्यास कराने के निर्देश दिए हैं। मंगलवार को सहारनपुर में इसकी तैयारी भी कर ली गई। बुधवार को मॉक ड्रिल होगा। इस दौरान ब्लैक आउड होगा और युद्ध जैसे हालात पैदा किए जाएंगे। इसके बाद लोगों को इन हालातों से निकलने और संभलने का अभ्यास कराया जाएगा।
युद्ध के दौरान क्या होता है ? जनता को क्या करना होता है और सरकार कैसे जनता तक खतरे का संदेश भिजवाती है। इन सभी सवालों के जवाब कल यानी बुधवार को सहारनपुर नगर निगम में मिलेंगे। सिर्फ नगर निगम ही नहीं बल्कि सरसावा में भी मॉक ड्रिल होंगे। इसकी वजह ये है कि, पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच हालात तनाव वाले हैं। ऐसे में सहारनपुर जिले में शाम चार बजे मॉक ड्रिल होगी। जिला अधिकारी मनीष बंसल ने इसके लिए मंगलवार को एक मीटिंग बुलाई। इस मीटिंग में हमला होने पर राहत और बचाव से लेकर अन्य तैयारियों पर चर्चा हुई। मॉक ड्रिल में सरकारी विभागों के साथ-साथ सामाजिक संगठन और एनसीसी कैडेट्स भी मौजद रहेंगे। मॉक ड्रिल में अंधेरा रखने, हवाई हमले से बचने और जरूरत पड़ने पर सहायता करने के गुर सिखाए जाएंगे।
डीएम ने कहा कि ब्लैक आउट मॉक ड्रिल का उद्देश्य जिले में आपदा प्रबंधन के विभिन्न घटकों के बीच समन्वय स्थापित करने की कला सिखाना है। यह मॉक ड्रिल एक नियोजित आपातकालीन अभ्यास होगा। इस अभ्यास में जिला स्तरीय अधिकारियों, ब्लॉक, नगर एवं आपदा प्रबंधन इकाइयों से लेकर नेहरू युवा केंद्र, उड़ान यूथ क्लब, माय भारत, एनसीसी, पुलिस विभाग, एयरफोर्स एवं अन्य एजेंसियों से जुड़े लोग शामिल रहेंगे। इन मॉक ड्रिल की वीडियो और निर्देशों को प्रचारित प्रसारित किया जाएगा ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसे समझ सके।
ब्लैकआउट मॉक ड्रिल में नागरिकों और प्रशासन दोनों की आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के गुर सिखाए जाते हैं। इसमें विशेष रूप से हवाई हमलों से बचने की कला बताई जाती है। इस अभ्यास के दौरान बिजली की आपूर्ति बंद कर दी जाती है। इस तरह वास्तविक हमले जैसे हालात पैदा किए जाते हैं। फिर ऐसे हालातों में अभ्यास कराया जाता है। यही सफल अभ्यास तय करता है कि यदि हालात खराब हुए तो उनसे कैसे बचा जाएगा।
इस मॉक ड्रिल से क्या फायदा होगा ? अगर आपके जहन में भी यह सवाल उठ रहा है तो इसका जवाब भी हम आपके लिए लाए हैं। जिलाधिकारी मनीष बंसल के अनुसार होम मिनिस्ट्री ने सिक्योरिटी ड्रिल के कुल 9 उद्देश्य बताए हैं। पहला उद्देश्य देश में एयर रेड वॉर्निंग सिस्टम जनता को समझाना है। इसके अलावा यह भी देखने की कोशिश होगी कि हवाई हमले की स्थिति में लोगों की क्या तैयारी होनी चाहिए। ड्रिल के दौरान एयरफोर्स के साथ हॉटलाइन और रेडियो कॉम्युनिकेशन की संवेदनशीलता को भी देखा जाता है। ड्रिल में कंट्रोल रूम और शैडो कंट्रोल रूम का भी आकलन किया जाएगा। इसके अलावा नोटिफिकेशन में कहा गया है कि ऐसी ड्रिल कराई जाए जिससे आम नागरिकों और छात्रों की यह तैयारी रहे कि किसी भी आपदा की स्थिति में वे अपना बचाव कर सकेंगे।
Updated on:
07 May 2025 09:43 pm
Published on:
06 May 2025 10:37 pm
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