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यहां 3-3 हजार रुपए में बैंक खाते बेचते हैं गांव के लोग, खरीदारों की लगी रहती है कतार

नाईजीरियन गैंग को खाते बेचने वाले ने किया खुलासा

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ग्वालियर। मैट्रिमोनियल साइट के जरिये ठगी करके बैंक खाते मुहैया कराने वाला नाइजीरियन गैंग के साथी ऐंनुल इस्लाम काे ग्वालियर क्राइम ब्रांच, नागालैंड से गिरफ्तार करके ले आई है। पुलिस इस गैंग के मास्टरमाइंड दो नाइजीरियन को दिल्ली से एक माह पूर्व ही गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस टीम द्वारा 15 दिनों तक दीनापुर में डेरा डाले रहने के चलते आखिरकार पुलिस के हाथ सफलता हाथ लगी है। दरअसल दीनापुर में आरोपी की लोकेशन प्राप्त होने के बाद उसे क्राइम ब्रांच ने अरेस्ट कर लिया गया।

जानकारी के मुताबिक मेट्रोमोनियल साइट के जरिए ठगी करने वाले नाईजीरियन गैंग को बैंक खाते मुहैया कराने वाले ने 3-3 हजार में ठगों को 3 बैंक खाते मुहैया कराए थे।

पुलिस का कहना है इन खातों में गिरोह ने लोगों से ठगा 90 लाख रुपया जमा किया है, लेकिन चंद रूपयों के लिए अपना खाता ठगों को बेचने वाला इसे पूरे गांव का पेशा बता रहा है। जिन्हें खाता खरीदने है वह नाम पता बता देते हैं, गांववाले सब्जी, मछली के ट्रक में पासबुक ओर एटीएम कार्ड रखकर उनके ठिकाने पर पहुुचाते हैं।

ठग गैंग को बैंक खाते मुहैया कराने वाला ईस्ट दीनापुर, नागालैंड निवासी एनुअल इस्लाम है। उसने तीन बैंक खाते दीनापुर में खुलवाए थे। उन्हें मेट्रोमोनियल साइट पर ठगी करने वाले नाइजीरियन क्रिस ओकाफर, नोनसो ईफिडियारो को सिर्फ 3-3 हजार में तीन बेचा था। एनुअल पेशे से पुताई करता है। मूलत: मेरावरी, मोरे गांव असम का रहने वाला है। इन दिनों वर्मा कैंप , नागालैंड में रहता है।

वेटिंग लिस्ट में ठग गिरोह की डिमांड
एनुअल ने पूछताछ में बताया गांववालों को पता है, उनके नाम के बैंक खातों का इस्तेमाल लोगों से ठगा पैसा जमा करने के लिए होता है। लेकिन ज्यादातर केस में पुलिस किसी की तलाश में नहीं आती। जब कभी बाहर की पुलिस आती है तो गांववाले भी उस व्यक्ति को छिपा देते हैं जिसकी पुलिस को तलाश है।

15 दिन की घेराबंदी में अरेस्ट
क्राइम ब्रांच डीएसपी रत्नेश तोमर ने बताया ठग गैंग को खाता मुहैया कराने वाले को राउंडअप करने के लिए टीम 15 दिन तक दीनापुर में डेरा डाले रही। आरोपी की लोकेशन मिलने पर उसे अरेस्ट किया। उससे ठगी करने वाले और गैंग के बारे में पूछताछ की जा रही है।