मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बकरी के मालिक असलू ने पुलिस में जो शिकायत दर्ज कराई है। उसमें असलू ने 25 जुलाई को कुकर्म करने की बात कही है। नगीना पुलिस स्टेशन के प्रभारी राजबीर सिंह के अनुसार असलू नामक व्यक्ति ने 26 जुलाई को शिकायत दर्ज कराई, जिसका कहना है कि उसकी बकरी के साथ 25 जुलाई की रात कुकर्म हुआ। सवाकार, हरूण, जफर सहित अन्य पांच लोगों पर बकरी के साथ कुकर्म करने का आरोप लगा है। हालांकि, अभी तक पांच लोगों की पहचान नहीं हो पाई है। सभी फरार बताए जा रहे हैं। बकरी के मालिक का दावा है कि कुकर्म के आरोपी नशेड़ी और शराबी थे। बकरी के मालिक असलू का कहना है कि, “उन्होंने आंगन में मेरी बकरी के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश की थी। मैंने विरोध किया तो गांववालों ने उनकी पिटाई कर दी। जिसके बाद गुस्साए आरोपी आठ घंटे बाद वापस आए और मेरी बकरी को ले गए।” असलू ने बताया कि, “आरोपी गुरुवार की शाम मेरी बकरी को एक पुराने घऱ में ले गए। जब मैंने उन लोगों से कहा कि मैं इसकी पुलिस में शिकायत करूंगा तो उन लोगों ने कहा कि तुम्हें जो करना है कि कर लो, मगर हम लोग कुकर्म करते रहेंगे। उनमें से एक आरोपी की मानसिक हालत ठीक नहीं है।”
बकरी के साथ हुए कुकर्म के मामले में पुलिस ने भारतीय दंड संहिता धारा 377 (‘अप्राकृतिक अपराधों’ से संबंधित) और धारा 429 के अंतर्गत मामला दर्ज कर लिया है। बता दें कि आईपीसी की धारा 429 के तहत 50 रुपए से ज्यादा कीमत वाले पालतू जानवरों को मारने या उसके साथ किसी प्रकार की छेड़छाड़ करना जुर्म है। इसमें 5 साल तक की सजा का प्रावधान है। इनके अलावा पशु क्रूरता रोधी एक्ट की धाराएं भी लगाई गई हैं। पुलिस ने बकरी के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। वहीं इस बीच गांव की पंचायत भी अब इस मामले में कूद गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पंचायत इस मामले में सुलह कराने की कोशिश में जुट गई है।