
बुलंदशहर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) के नाम से एक फर्जी मैसेज वायरल किया जा रहा है। संघ प्रमुख मोहन भागवत के नाम से एक नए संविधान को पीडीएफ (PDF) फाइल में सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है। साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि आरएसएस देश में नया संविधान लागू करना चाहता है।
आखिरी में लिखा है नोट
सोशल मीडिया पर वायरल इस संविधान में 16 पेज दिए गए हैं। इसमें आखिरी में एक नोट लिखा हुआ है। इसमें लिखा है, यह नए संविधान का संक्षिप्त रूप है। विस्तृत संविधान तैयार हो रहा है। इस पर जनता अपने सुझाव और विचार 15 मार्च 2020 से पहले प्रधानमंत्री कार्यालय नई दिल्ली (Delhi) में भेज सकती है। उसकी एक कॉपी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कार्यालय नागपुर (Nagpur) महाराष्ट्र (Maharashtra) में भेजनी होगी। हर अचछे सुझाव पर 10 हजार रुपये का इनाम दिया जाएगा। 15 मार्च के बाद मिलने वाले सुझाव स्वीकार नहीं किए जाएंगे। इसमें मोहन भागवत की फोटो भी लगी हुई है।
16 पन्नों का है दस्तावेज
पीडीएफ फाइल फॉर्मेट में 16 पन्नों का एक दस्तावेज व्हाट्सऐप (Whatsapp) और फेसबुक (Facebook) मैसेंजर के जरिए सर्कुलेट किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि यह भारत का नया संविधान हैं, जो आरएसएस ने तय किया है। इस नए संविधान के लेखक के तौर पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का नाम प्रचारित किया जा रहा है। इस मामले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने खुर्जा अ ौर बुलंदशहर कोतवाली में अज्ञात के खिलाफ मुकदमे दर्ज कराए गए हैं।
पुलिस ने शुरू की जांच
पश्चिमी उत्तर प्रदेश बजरंग दल के सह संयोजक प्रवीण भाटी का कहना है कि बुलंदशहर के एक शख्स द्वारा फर्जी मैसेज वायरल करने का मामला सामने आया है। उसमें संघ प्रमुख के द्वारा नए संविधान के निर्माण की बात कही गई है। यह बिल्कुल फर्जी है। इसमें बुलंदशहर में एक केस दर्ज कराया गया है। पोस्ट में समाज को लड़ाने वाली बातें कही गई हैं। ऐसी ही पोस्ट खुर्जा में भी वायरल की गई है। खुर्जा में मुकदमा दर्ज कराया गया है। जल्द ही उसकी गिरफ्तारी होगी। वहीं, खुर्जा सीओ गोपाल सिंह का कहना है कि तहरीर मिली है। मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
Published on:
17 Jan 2020 05:37 pm
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