
TDP नेता रामकृष्ण बाबू को आंध्रा पुलिस बिना वारंट कर सकती है गिरफ्तार
नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश पुलिस ने विशाखापत्तनम (पूर्व) विधानसभा क्षेत्र से तेलुगू देश पार्टी (टीडीपी) के पूर्व विधायक वेलागापुदी रामकृष्ण बाबू को कानूनी नोटिस जारी किया है। आंध्र पुलिस ने टीडीपी विधायक को लोकसभा चुनाव के दौरान चुनाव आचार संहिता (एमसीसी) उल्लंघन के एक मामले में एफआईआर दर्ज किया था। अब उसी मामले में स्थानीय पुलिस ने उन्हें नोटिस थमाया है। टीडीपी के पूर्व विधायक को नोटिस सीआरपीसी (CRPC) की धारा-41 के तहत जारी किया गया है।
मोदी और जगन मोहन के खिलाफ दिया था अशोभनीय बयान
बता दें कि आंध्र प्रदेश में हाल ही में संपन्न लोकसभा और विधानसभा चुनाव के दौरान तत्कालीन टीडीपी विधायक रामकृष्ण बाबू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वाईएसआरसीपी के प्रमुख एवं सीएम जगन मोहन रेड्डी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इस मामले में शिकायत मिलने पर स्थानीय पुलिस ने विशाखापत्तनम से पूर्व विधायक के खिलाफ मामला दर्ज किया था। अब उसी मामले में पुलिस ने सीआरपीसी की धारा-41 के तहत कानूनी कार्रवाई शुरू की है।
क्या है सीआरपीसी की धारा-41
सीआरपीसी की धारा-41 के तहत कोई भी पुलिस अधिकारी बिना मजिस्ट्रेट के आदेश और वारंट के आरोपी व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकता है। इस के तहत आरोपी के खिलाफ शिकायत सही साबित होने तक सात वर्ष तक की सजा संभव है। कानून की नजरों में इस तरह के आरोपों को दंडनीय और संज्ञेय अपराध माना जाता है। सात साल तक की सजा वाले मामलों में पुलिस को बिना वारंट के आरोपी को गिरफ्तार करने का अधिकार है।
पेशे से कारोबारी हैं रामकृष्ण बाबू
54 वर्षीय वेलागापुदी रामकृष्ण बाबू 2014 में विशाखापत्तनम पूर्व से विधायक चुने गए थे। रामकृष्ण बाबू सेक्टर पांच एमवीपी कॉलोनी में रहते हैं। वह पेशे से कारोबारी हैं। उनके खिलाफ पहले से मारपीट, हिंसा और हत्या के मामल दर्ज हैं। उन पर सरकारी कामकाज में बाधा डालने का भी आरोप है।
Updated on:
06 Jun 2019 02:42 pm
Published on:
06 Jun 2019 02:36 pm
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