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बड़े भाई की जान बचाने के लिए छोटे भाई ने की आत्महत्या, लेकिन तब भी ट्रांसप्लांट नहीं हो सका किडनी

गुजरात के वडोदरा में बड़े भाई को किडनी देने के लिए छोटे भाई ने आत्महत्या कर ली, लेकिन तब भी किडनी ट्रांसप्लांट नहीं हो सका।

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Shiwani Singh

Jun 24, 2018

suicide

बड़े भाई की जान बचाने के लिए छोटे भाई ने की आत्महत्या, लेकिन तब भी ट्रांसप्लांट नहीं हो सका किडनी

वडोदरा। अक्सर ही एक भाई द्वारा दूसरे भाई की जमीन-जायदाद के लिए हत्या और मारपीट की ख़बरे सामने आती रहती है। लेकिन गुजरात के वडोदरा से दो भाईयों के प्रेम की एक ऐसी ख़बर सामने आई है, जो काफी भावुक करती है। यहां एक छात्र ने अपने बड़े भाई की जान बचाने के लिए खुद ही आत्महत्या कर ली।

बड़े भाई को किडनी देने के लिए छोड़े भाई ने की आत्महत्या

पुलिस के मुताबिक खुदकुशी करने वाले छात्र का नाम नैतिक कुमार है। 19 साल का नैतिक वरनामा के एक निजी इंजिनियरिंग कॉलेज में पढ़ाई करता था। बता दें कि छात्र का बड़ा भाई कनिष बीते कई दिनों से गुर्दे की बीमारी से परेशान था, जिसके लिए डॉक्टरों ने उसे ट्रांसप्लांट कराने को कहा था। छोटा भाई बड़े भाई को इस तरह परेशान नहीं देख पा रहा था।

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हॉस्टल के कमरे में फंदा लगाकर की खुदकुशी

नैतिक बड़े भाई को अपनी दोनों किडनी देना चाहता था, लेकिन उसके जिंदा रहने पर ये मुमकिन नहीं था। इसके लिए उसने अपने हॉस्टल के कमरे में फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली, जिससे वह अपने भाई को किडनी दान दे सके। लेकिन छोटे भाई की कुरबानी भी बड़े भाई के काम ना आ सकी। दरअससल, समय से अंगों का ट्रांसप्लांट ना हो पाने के कारण उसकी किडनी का इस्तेमाल उसके भाई के लिए नहीं किया जा सका।

सूसाइड से हुआ ये खुलासा?

वहीं, रुममेट ने बताया कि नैतिक ने खुदकुशी कर ली और उसका शव कमरे की छत से लटकता हुआ मिला है। ख़बर लगते ही तत्काल मौके पर कॉलेज प्रशासन और पुलिस पहुंच गई। पुलिस ने जब नैतिक के कमरे की तलाशी ली तो वहां उसे एक सूसाइड नोट मिला। बता दें कि सूसाइड नोट में नैतिक ने लिखा था कि वह अपने भाई की मदद के लिए खुदकुशी कर रहा है, इस लिए पुलिस किसी से भी उसकी आत्महत्या को लेकर कोई पूछताछ ना करे। वहीं, नैतिक ने इस सूसाइड नोट में यह भी लिखा कि उनकी किडनी को उनके बड़े भाई को दे दिया जाए।

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आत्महत्या के बाद भी ट्रांसप्लानंट नहीं हो पाया किड़नी

नैतिक के इस कदम से पूरा परिवार गम में डूब गया, लेकिन उसकी अंतिम इच्छा को पूरा करने के लिए परिवार वालों ने जिले के एसएसजी अस्पताल के चिकित्सकों से ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए मदद मांगी। लेकिन डॉक्टरों ने ऑर्गन ट्रांसप्लांट करने से मना कर दिया। उनका कहना था कि शव को आत्महत्या के 36 घंटे बाद बरामद किया गया होगा। इस वजह से ऑर्गन ट्रांसप्लांट नहीं हो सकता।