
शहर के बारातघरों के संचालन में नियमों को नजर अंदाज कर संचालन
दमोह. शहर के बारातघरों के संचालन में नियमों को नजर अंदाज कर संचालन किया जा रहा है। यही वजह है कि शहर के सभी बारातघरों को हाल ही के कुछ दिनों पहले कलेक्टर द्वारा अवैध रुप से संचालित किया जाना घोषित किया था। लेकिन अवैध तरीके से संचालित इन बारात घरों के खिलाफ कलेक्टर आदेश के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके नतीजतन बारात घर संचालक बैखोफ बने हुए हैं और आम लोगों के अधिकारों का हनन करने में जरा भी परहेज नहीं कर रहे हैं।
संचालक कर रहे कमाई, वार्डवासी हो रहे परेशान
शहर के अधिकांश बारात घरों का संचालन रहवासी इलाकों में किया जा रहा है, जिसकी वजह से वार्ड के लोगों को आयोजित होने वाले वैवाहिक कार्यक्रमों के दौरान कई प्रकार की परेशानियां उठानी पड़तीं हैं। लेकिन आम लोगों को होने वालीं परेशानियों से बारातघर संचालकों को कोई सरोकार नहीं है। खासतौर से शहर के धगट चौराहा, पलंदी चौराहा, जैन धर्मशाला के समीप, गार्ड लाइन में बारात घर संचालित हैं। जिन स्थानों पर इनका संचालन हो रहा है यह रहवासी इलाका है। वैवाहिक कार्यक्रम के दौरान होने वाली धूमधाम की वजह से लोग अपने घरों में चैन से नहीं रह पाते हैं।
बनती है जाम की स्थिति
जिन मार्गों से सटकर बारात घर संचालित हैं इन मार्गों पर वैवाहिक कार्यक्रम के दौरान जाम की स्थिति बनना तय रहती है। खासतौर से धगट चौराहा, घंटाघर के समीप पलंदी चौराहा मार्ग पर खतरनाक जाम लग जाता है। इसके अलावा दमोह जबलपुर स्टेट हाइवे पर भी बारात घर संचालित हैं इनकी वजह से इस मार्ग पर सड़क हादसे की स्थिति बनी रहती है।
इन नियमों का नहीं हो रहा पालन
- बारातघर में ही वाहन पार्किंग की व्यवस्था होनी चाहिए।
- डीजे के संचालन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है।
- बारातघरों का रजिस्ट्रेशन होना अनिवार्य है।
- बारात घर के कचरे के निष्पादन की व्यवस्था होनी चाहिए।
- विवाह कार्यक्रम के दौरान बारात घर प्रबंधन को निजी कर्मी लगाकर व्यवस्थाएं करनी होंगी।
- सड़क पर ट्राफिक व्यवस्था के लिए अलग से कर्मचारी बारात घर प्रबंधन के लगे होने चाहिए।
- शादी हॉल में आने और जाने के लिए अलग अलग रास्ते होने चाहिए।
- बारात घर खुले स्थल पर होने चाहिए।
- लोगों की जान माल की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होने चाहिए।
एक भी बारातघर नहीं है रजिस्ट्रर्ड
बारात घर संचालन से पहले नगरपालिका में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होता है। लेकिन शहर का एक भी बारात घर ऐसा नहीं है जो रजिस्ट्रर्ड हो। नपा के संपत्तिकर अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार अभी तक किसी भी बारातघर का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है। विदित हो कि इसी मानक को ध्यान में रखते हुए कलेक्टर द्वारा पूर्व में बारातघरों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश जारी किए थे।
इन दस्तावेजों के होने पर होता है रजिस्ट्रेशन
नगरपालिका द्वारा बारातघर का रजिस्ट्रेशन तब किया जाता है जब संचालक द्वारा खुली भूमि का ब्यौरा, बारातघर के लिए निर्मित क्षेत्र,पार्किंग स्थल, बारातघर का नक्शा, फायर सेफ्टी, भवन मंजूरी, जमीन की रजिस्ट्री, संपत्तिकर जमा होने की रसीद श्रम विभाग का पंजीयन, कचरा प्रबंधन की व्यवस्था आदि के दस्तावेज प्रस्तुत किए जाते हैं।
शहर के यह हैं प्रमुख बारात घर
धगट चौराहा स्थित राजा मैरिज हॉल, पलंदी चौराहा मार्ग पर आर्शीवाद गार्डन, मरौठी गार्डन, नीलकमल गार्डन, बड़ी देवी मंदिर स्थित बारातघर, सोफिया स्कूल से सटकर बारातघर, महाराजा पैलेस, पारस पैलेस आदि शामिल हैं। विदित हो कि नपा के राजस्व विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इनमें से किसी भी बारातघर का रजिस्ट्रेशन नहीं है।
वैवाहिक कार्यक्रम के दौरान हो सकती है कार्रवाई
बारातघर का अवैध रुप से संचालन हो रहा है, इस पर प्रशासनिक कार्रवाई उस वक्त ही हो सकती है जब कोई वैवाहिक कार्यक्रम का आयोजन चल रहा हो। ऐसे में बारात घर किराए से करने वाले पक्षकार को परेशानी उठानी पड़ सकती है। कुछ माह पहले कार्यक्रम के दौरान धगट चौराहा स्थित राजा मैरिज हॉल को सील किया गया था।
वर्जन
अभी तक किसी भी बारात घर संचालक के द्वारा रजिस्ट्रेशन नहीं कराया गया है, जिससे एक भी बारातघर रजिस्टर्ड नहीं है।
रीतू पुरोहित, संपत्तिकर अधिकारी
Published on:
05 Dec 2018 12:08 pm
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