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15 फीसदी ब्लो में मिला निर्माण का ठेका, 29 में से 19 उप स्वास्थ्य केंद्र बनकर तैयार

-10 उप स्वास्थ्य केंद्रों में बिजली कनेक्शन बाकी, स्वास्थ्य सेवाओं की शुरुआत अटकी।

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दमोह

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Aakash Tiwari

Dec 04, 2025

दमोह. ग्रामीण स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए स्वीकृत 29 नए उप स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण में लापरवाही और धीमी कार्यशैली चर्चा का विषय बन गई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध करवाई गई 19 करोड़ की राशि के आधार पर इन केंद्रों का निर्माण कार्य तेजी से पूरा किए जाने का लक्ष्य था, लेकिन साल के अंत तक सिर्फ 60 फीसदी काम ही पूरा हो सका है। हैरानी की बात यह है कि जिन 19 केंद्रों का निर्माण तकनीकी रूप से पूरा दिखाया जा रहा है, उनमें से 10 केंद्र बिजली कनेक्शन के इंतजार में अनुपयोगी बने हुए हैं।
जानकारी के अनुसार यह निर्माण कार्य दो कंपनियों के माध्यम से कराया जा रहा है। ठेका एजेंसी को 15 फीसदी ब्लो रेट में दिया गया था, जिसके बाद गुणवत्ता और समयसीमा को लेकर शुरुआत से ही सवाल उठते रहे। स्थानीय जनप्रतिनिधियों से लेकर पंचायतों के सरपंचों ने कई बार इस कार्यप्रणाली पर आपत्ति जताई, लेकिन विभागीय ध्यान की कमी के कारण स्थिति जस की तस बनी हुई है।
-तेंदूखेड़ा में स्वीकृत ६ भवन अभी भी अपूर्ण
तेंदूखेड़ा में ६ उप स्वास्थ्य केंद्र स्वीकृत है। एक की लागत ६५ लाख है। यहां पर अब तक एक भी उप स्वास्थ्य केंद्र का काम पूर्ण नहीं हुआ है। जबेरा में ७ में से ५ का काम पूर्ण हो चुका है। बटियागढ़ और हिंडोरिया में ४ बनना थे, जो बन कर तैयार हो गए हैंळ। पटेरा में ३, हटा २ और पथरिया में ३ स्वीकृत थे, सभी बन चुके हैं।
-ग्रामीणों को इलाज के लिए करना पड़ रहा इंतजार
इन उप स्वास्थ्य केंद्रों से दूरदराज के गांवों में समय पर प्राथमिक उपचार, गर्भवती महिलाओं की जांच, टीकाकरण, बच्चों की नियमित देखभाल और सामान्य बीमारियों का इलाज उपलब्ध होने की उम्मीद थी। पर बिजली कनेक्शन न होने के कारण न तो उपकरण चल पा रहे हैं, न ही दवाओं के सुरक्षित भंडारण की सुविधा मिल पा रही है। कुछ गांवों में निर्माण पूरा होने के बावजूद भवन के बाहर ताले लटके हुए हैं और स्वास्थ्य सेवाओं की शुरुआत की तारीख अनिश्चित बनी हुई है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि मरीजों को 10-15 किलोमीटर दूर मुख्य स्वास्थ्य केंद्र तक जाना पड़ रहा है।
-यहां नहीं हुए बिजली कनेक्शन
चूंकि कार्य 15 फीसदी कम राशि पर दिया गया था, निर्माण गुणवत्ता पर भी सवाल उठ रहे हैं। कई केंद्रों में प्लास्टर टूटने और पाइप लाइनों में लीकेज की जानकारी सामने आई है। विशेषज्ञों का कहना है कि स्वास्थ्य जैसे संवेदनशील क्षेत्र में लागत कम करने की होड़ गंभीर परिणाम ला सकती है। बिजली कनेक्शन न होने वाले नए उप स्वास्थ्य केंद्रों में, हिदरेपुर, आंजनी, खोजाखेड़ी, बोबई, हलगज, घटेरा, कुलुआ, कोरता आदिमें अभी बिजली कनेक्शन नहीं हुए हैं।

फैक्ट फाइल

-निर्माण स्वीकृति 29 उप स्वास्थ्य केंद्र
-प्राप्त राशि,19 करोड़
-पूरा निर्माण, 19 केंद्र
-बिजली कनेक्शन शेष, १0 केंद्र

वर्शन
२९ सब सेंटर में से १९ का काम पूर्ण हो चुका है। १० का काम जनवरी तक हर हाल में पूर्ण हो जाएंगा। बिजली कनेक्शन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। जल्द कनेक्शन हो जाएंगे।

विवेक विश्वकर्मा, इंजीनियर एनएचएम