18 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

सरकारी नौकरी की खुशी मिलते ही आ गई मौत, ज्वाइनिंग के पहले जिंदगी हार गई

MP News: 12 अप्रेल 2025 को जिला शिक्षा अधिकारी ने 15 अप्रेल को दस्तावेज सत्यापन की तारीख तय की। इसके बाद ज्वाइनिंग दी जानी थी। परिवार में लंबे समय बाद खुशियों की तैयारी हो गई। पर होनी को कुछ और ही मंजूर था।

less than 1 minute read
Google source verification

दमोह

image

Avantika Pandey

Apr 27, 2025

mp news

MP News: इससे ज्यादा बदकिस्मत कौन हो सकता है। दमोह के मडियादो के परमलाल कोरी ने 17 साल तक हाईकोर्ट में केस लड़ा। वहां से पक्ष में फैसले के बाद 57 साल की उम्र में संविदा शिक्षक की नौकरी मिलनी थी। 12 अप्रेल 2025 को जिला शिक्षा अधिकारी ने 15 अप्रेल को दस्तावेज सत्यापन की तारीख तय की। इसके बाद ज्वाइनिंग दी जानी थी। परिवार में लंबे समय बाद खुशियों की तैयारी हो गई। पर होनी को कुछ और ही मंजूर था। जिस दिन डीइओ ने पत्र जारी किया, उसी दिन परमलाल की मौत हो गई।

ये भी पढें - संपत्ति हाथ आते ही बदला बेटे का व्यवहार, 95 साल की बुजुर्ग मां को 42 डिग्री में छत पर पटका

मौत से लिपिक भी हैरान

इस मौत के बाद जब आवेदन का सत्यापन कराने के दस्तावेज के साथ बेटा शुभम पिता परमलाल का मृत्य प्रमाण पत्र लेकर जिला शिक्षा केंद्र पहुंचा तो लिपिक भी हैरान हो गया। परिवार अनुकंपा नियुक्ति चाहता है, पर विभाग ने ज्वाइनिंग नहीं होने से नियमों का हवाला देकर अनुकंपा नियुक्ति से हाथ खड़े कर दिए हैं।

परमलाल कोरी की ज्वाइंनिंग नहीं हो पाई थी। प्रकरण को वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में भेजा है, वहां से क्या निर्णय होता है, स्पष्ट किया जाएगा।- मुकेश द्विवेदी, डीपीसी दमोह

लड़ने से पीछे नहीं हटे परमलाल

परमलाल ने औपचारिक निकेत्तर विद्यालय शिवपुर में अनुदेशक पद पर कार्य किया। तीन साल बाद 1988 में विद्यालय बंद हुआ। कुछ अनुदेशकों या पर्यवेक्षकों को गुरुजी का दर्जा देकर शिक्षा विभाग में शामिल किया, कुछ रह गए। 2008 में गुरुजी पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण की। शिक्षा विभाग में नौकरी पर हक जताया। हाईकोर्ट जबलपुर की शरण ली। जनवरी 2025 में कोर्ट ने हक में फैसला दिया।