
पुष्पेंद्र तिवारी की रिपोर्ट
MP News :मध्य प्रदेश के दमोह जिले के अंतर्गत आने वाले नरसिंहगढ़ इलाके में सुनार नदी के किनारे चैनपुरा पुल से सटी सरकारी गौशाला से हृदय विदारक तस्वीरें सामने आईं हैं। इसमें सुनार नदी के किनारे दर्जनों गौवंश के कंकाल पड़े मिले हैं। बताया गया है कि, ये सभी मृत गौवंश इसी नरसिंहगढ़ गौशाला के हैं। बता दें कि, यह स्थिति तब सामने आई, जब स्थानीय लोगों की शिकायत पर गौसेवक मौके पर पहुंचे।
गौसेवकों का कहना है कि, गोशाला में गायों को समुचित चारा और पानी नहीं मिल रहा है। कई गौवंश इतने कमजोर हो चुके हैं कि, उनकी हड्डियां साफ नजर आ रही हैं और वे उठने चलने तक में असमर्थ हैं। दोपहर तक भी गौवंश को पानी नहीं दिया गया था। बदइंतजामी की हद तो तब हो गई जब गौशाला के बाहर नदी किनारे मृत गायों के शव कुत्ते खाते नजर आए।
ये गौशाला प्रदेश के पशुपालन मंत्री लखन पटेल के विधानसभा क्षेत्र में स्थित है। बावजूद इसके यहां की दुर्दशा से प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। गौशाला का संचालन समूह के तहत मालती जैन द्वारा किया जा रहा है। आरोप है कि, यहां कार्यरत कर्मचारी लापरवाही बरत रहे हैं और अनुदान राशि का सही उपयोग नहीं किया जा रहा। बता दें कि गौशाला मंत्री पटेल के गृह गांव से महज 15 कि.मी की दूरी पर है।
यह पहली बार नहीं है जब नरसिंहगढ़ गौशाला में अव्यवस्था की बात सामने आई हो। पूर्व में भी ऐसे ही आरोप लगे थे, लेकिन पशु चिकित्सा विभाग की जांच में सबकुछ सामान्य बताया गया था। अब एक बार फिर वीडियो और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान प्रशासन की पोल खोलते नजर आ रहे हैं।
जब स्थानीय गौसेवक राहुल यादव अपने साथियों के साथ गौशाला पहुंचे तो कर्मचारियों ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया। बाद में कलेक्टर से संपर्क करने के बाद कुछ लोगों को प्रवेश की अनुमति मिली, लेकिन इसी दौरान कर्मचारियों ने बहस शुरू कर दी और गौसेवकों को बाहर जाने के लिए कहने लगे। ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि गौसेवकों ने मौका स्थिति को अपने मोबाइल में रिकार्ड कर लिया था। गौसेवकों ने चेतावनी दी है कि अगर समय रहते प्रशासन द्वारा कार्रवाई नहीं की गई तो वे बड़े आंदोलन की राह अपनाएंगे। फिलहाल, जिले भर में इस अमानवीय व्यवहार को लेकर रोष व्याप्त है।
मामले को लेकर पशु चिकित्सा के उपसंचालक संजय पांडे का कहना है किमैंने इस मामले के संज्ञान में आते ही जांच के निर्देश दिए हैं। शीघ्र ही जांच कर रिपोर्ट तैयार की जाएगी। गोशाला कर्मचारियों के मामले में विभाग हस्तक्षेप नहीं करता है, सिर्फ गोवंश की स्थिति पर ध्यान दिया जाता है।
Published on:
06 Apr 2025 12:14 pm
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