
होस्टल में छात्राओं का नहाते हुए हुआ था वीडियो वायरल, अब खुल रहे चौंकाने वाले राज
मध्य प्रदेश के दमोह जिले के अंतर्गत आने वाले पथरिया में स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास की नाबालिग छात्राओं का नहाते हुए का वीडियो वायरल होने के मामले में अब एक के बाद एक कई चौंकाने वाले राज खुल रहे हैं। अब तक छात्राओं और उनके परिजन द्वारा की गई शिकायत के मामले में पुलिस द्वारा छात्रावास की मौजूदा और पूर्व वार्डन के साथ-साथ रसोइये को आरोपी बनाया गया है। जानकारी ये भी सामने आई है कि, छात्रावास में रहने वाली एक छात्रा यहां रहते हुए गर्भवती हो गई थी, जिसके चलते छात्रावास प्रबंधन द्वारा उसका अबॉर्शन कराया गया था। फिलहाल, इस मामले में बच्चियों के परिजन का कहना है कि, प्रशासन मामले को दबाने में जुटा हुआ है।
इधर, पूर्व वार्डन और रसोइये के खिलाफ हुई एफआइआर के बाद छात्रावास के संगीन घटनाक्रमों से पर्दा उठने लगा है। इसी में से एक गंभीर मामला ये है कि, छात्रावास में रहकर एक नाबालिग गर्भवती हो गई थी, जिसके बाद उसका गर्भपात भी किया जा चुका है। बताया गया है कि, नाबालिग के गर्भवती होने के करीब पांच-छह महीने बाद उसके परिजन को छात्रावास कर्मचारियों से सूचना मिली थी। इसके बाद छात्रा को उसके घर वालों के साथ भेज दिया था। लेकिन इस घटनाक्रम की भनक कुछ अन्य बच्चियों को थी, जिन्हें झूठी शिकायतों का हवाला देकर छात्रावास से निकाला गया था।
यहां गर्भवती हुई थी नाबालिग छात्रा
मामले की जानकारी देते हुए छात्रावास की एक महिला कर्मचारी का कहना है कि, कुछ महीनों पहले छात्रावास की एक बालिका का गर्भवती होना सामने आया था। बालिका के गर्भवती होने की जानकारी सभी कर्मचारियों को थी। यह घटना छात्रावास में संचालित अनैतिक गतिविधियों की वजह से हुई। बाद में जब गर्भ का समय अधिक हो गया, तो बालिका के माता पिता को देर शाम छात्रावास बुलाया गया और बालिका को उनके साथ घर भेज दिया। साथ ही बालिका का गर्भपात कराने के लिए आर्थिक रूप से दस हजार रुपए मदद की बात भी कही गई थी। खुलासे में ये भी पता चला है कि, बालिका के परिजन को दमोह के एक डॉक्टर का पता भी लिखकर दिया गया था और आर्थिक मदद दिए जाने की एवज में इसकी जानकारी किसी को न देने को कहा था।
पुलिस ने FIR में किया गोलमाल
बालिकाओं के नहाते हुए का वीडियो बनाकर वायरल करने के मामले में पुलिस द्वारा कलेक्टर के निर्देश और एसपी के आदेश पर एफआईआर दर्ज भी हुई। लेकिन पुलिस कार्रवाई पर गड़बड़ी करने के आरोप भी लगे। ऐसा इसलिए भी क्योंकि पिछले चार महीनों से पुलिस उक्त प्रकरण में कार्रवाई नहीं कर रही थी। बालिकाओं के नहाते हुए वीडियो वायरल होने की शिकायत फरवरी में हुई थी, लेकिन पुलिस पर मामले को दबाने के आरोप लगे। बाद में जब इस मामले को पत्रिका द्वारा प्रमुखता से उठाया गया तो एसपी द्वारा स्थानीय पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए। लेकिन, अब भी पुलिस पर कई लोगों को राहत देने को कहा है।मामले पर थाना प्रभारी रजनी शुक्ला का कहना है कि, वार्डन दीप्ति चौबे और रसोइया वर्षा पटेल के खिलाफ धारा 292, 34, 68 आइटी एक्ट के तहत केस दर्ज करने की बात कही है।
डीपीसी पर सीसीटीवी से छेड़छाड़ के आरोप
छात्राओं के नहाते हुए का वीडियो वायरल होने के मामले में सोमवार को जिम्मेदारों की एक और नई करतूत सामने आई है। दरअसल, दोपहर में डीपीसी पीके रैकवार छात्रावास पहुंचे थे। डीपीसी रैकवार और निलंबित वार्डन ऊषा करकरे पर आरोप लगा है कि, उन्होंने छात्रावास में लगे सीसीटीवी कैमरे की रिकार्डिंग से छेड़छाड़ करने के साथ साथ उन्हें अपने साथ ले गए हैं। पुलिस के साथ एक शिकायत परिजन द्वारा कलेक्टर से भी दर्ज कराई गई है।
शिकायतकर्ता सहायक वार्डन गोदावरी तिवारी की बेटी स्नेहा तिवारी ने अपनी शिकायत में बताया है कि दोपहर करीब साढ़े 12 बजे के बाद डीपीसी पीके रैकवार छात्रावास पहुंचे थे। इस दौरान इनके साथ निलंबित वार्डन ऊषा करकरे भी साथ थीं। इस दौरान शिकायतकर्ता स्नेहा की मां यानी छात्रावास की सहायक वार्डन गोदावरी तिवारी छात्रावास में नहा रहीं थीं। इसी दौरान डीपीसी और वार्डन ऊषा करकरे ने सीसीटीवी कैमरों के डीपीआर को निकलवाया और रिकार्डिंग से छेड़छाड़ की।
रिकार्डिंग में जांच का यह साक्ष्य मौजूद
निलंबित वार्डन ऊषा करकरे पर ये भी आरोप है कि, उसका पति द्वारका करकरे छात्रावास में ही नियम विरूद्ध रहता है। जबकि बालिकाओं की छात्रावास में किसी पुरूष का प्रवेश शाम 5 बजे के बाद प्रतिबंधित है। लेकिन वार्डन पति, जो छात्रावास में ही रहता था, इनके छात्रावास में निवास करने की रिकार्डिंग डीपीआर में मौजूद थी। बता दें कि वार्डन ऊषा करकरे के विरूद्ध उनके पति के छात्रावास में रहने के आरोप की जांच लंबित है।
जांच करने शिक्षा विभाग की टीम पहुंची
मामले में कलेक्टर के आदेश पर शिक्षा विभाग की एक जांच टीम छात्रावास भी पहुंची थी। टीम में बीएल कुरवैती, नरपाल सिंह ठाकुर, योगिता तिवारी, दिव्या शर्मा शामिल थे। बीएल कुरवैती के अनुसार, डीइओ के निर्देश पर टीम छात्रावास पहुंची थी और यहां कर्मचारियों और छात्राओं के बयान दर्ज किए गए हैं। बता दें कि, टीम सदस्यों को यहां भरपूर अनियमितताएं मिलीं थी। इसके बाद पथरिया विधायक रामबाई भी छात्रावास का निरीक्षण करने पहुंची थी। यहां उन्होंने भी अनियमितताओं को देखते हुए प्रबंधन को न सिर्फ जमकर फटकार लगाई, बल्कि छात्रावास प्रबंधक से लंबी चर्चा भी की।
पांच दिन का अल्टीमेटम
वहीं, दूसरी तरफ छात्रावास की बालिकाओं के नहाते हुए वीडियो वायरल करने के मामले में अभाविप द्वारा सोमवार को एक ज्ञापन कलेक्टर को भी सौंपा गया। ज्ञापन के जरिए परिषद कार्यकताओं ने कहा कि उक्त प्रकरण में पांच दिनों के भीतर ठोस कार्रवाई नहीं होती तो परिषद द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएगा। ज्ञापन सौंपे जाने के दौरान काफी संख्या में कार्यकर्ता और पदाधिकारी मौजूद रहे।
कार्रवाई के आदेश
मामले में पथरिया एसडीएम भव्या त्रिपाठी का कहना है कि, जांच चल रही है, जो प्रतिवेदन आए हैं उनके हिसाब से दीप्ति चौबे पूर्व वार्डन और उषा करकरे वर्तमान वार्डन को सस्पैंड किया गया है। रसोईया वर्षा को भी पृथ्क किया गया है। एसपी राकेश सिंह का कहना है कि, मामले में थाना प्रभारी को एफआइआर दर्ज करने के निर्देश दे दिए गए हैं।
Updated on:
17 Jul 2023 11:04 pm
Published on:
17 Jul 2023 09:12 pm
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