
त्योहारी बाजार पर खरीफ सीजन का असर, व्यापारियों ने कहा बाजार में मंदी
मक्का, सोयाबीन और अन्य खरीफ फसलों में भारी नुकसान
दमोह में दीपावली के समय बाजार अपने चरम पर होता है। वहीं इसमें खरीफ फसलों के उपार्जन की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। लेकिन, इस बार खरीफ सीजन की फसलों को हुए नुकसान का असर साफ देखा जा रहा है। व्यापारी बता रहे हैं कि इस बार बाजार में पिछले साल की तुलना में मंदी है। यह स्थिति तब है, जब कई समानों पर जीएसटी घट गयादरअसल, जिले में खरीफ सीजन के शुरू में हुई अत्यधिक बारिश ने किसानों की फसलों को बुरी तरह प्रभावित किया था। मक्का, सोयाबीन और अन्य खरीफ फसलों में भारी नुकसान होने से किसानों की आमदनी घट गई है। कई क्षेत्रों में फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई, तो कुछ जगहों पर फसल आधी बची है। इससे न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति पर असर पड़ा है, बल्कि बाजार में माल की उपलब्धता भी कम हुई है। बाजार में सामान्य समय की तुलना में फल, सब्जी और अनाज की कीमतों में उतार चढ़ाव देखा जा रहा है।
व्यापारी संजय जैन, अनुज ठाकुर, सनी उपाध्याय आदि ने बताया कि त्योहारी सीजन के बावजूद ग्राहक कम खरीदारी कर रहे हैं। जैन के अनुसार फसल नुकसान की वजह से किसानों के पास बेचने के लिए पर्याप्त माल नहीं है, इसलिए बाजार में भी गतिविधि धीमी है। वहीं, किसान भी बताते हैं कि इस वर्ष फसल की लागत अधिक रही, जबकि उत्पाद कम मिलने से आर्थिक फायदा ज्यादा नहीं हुआ। बारिश तो कोटे के मुताबिक हुई, लेकिन पूरे सीजन में नियंत्रित तरीके से होती, तो फसल नुकसान कम होता। हालांकि आशा है कि दीपावली के कुछ दिन पहले बाजार की स्थिति में तेजी से सुधार आएगा। फिलहाल फसल नुकसान से त्योहारी बाजार की रौनक गायब है। इस समय बाजार में धीमी गति और कम ग्राहक आने की स्थिति बनी हुई है। जिससे व्यापारी और किसान दोनों परेशान हैं।
खरीफ सीजन का दीपावली पर खास प्रभाव
बता दें कि दीपावली और धनतेरस पर खरीफ सीजन में अच्छा उत्पादन होने पर बाजार में खूब रौनक रहती है। फसल की पर्याप्त उपलब्धता से माल सस्ता और आसानी से उपलब्ध होता है, ग्राहक अधिक खरीदारी करते हैं, व्यापारियों की बिक्री बढ़ती है और त्योहारी सीजन में आर्थिक गतिविधि भी जोरदार होती है।
Published on:
11 Oct 2025 01:56 am
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