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कुंडलपुर न्यूज: बड़ेबाबा मंदिर के शिखर पर हुआ कलशारोहण, यह है विशेषता

कुंडलपुर न्यूज: बड़ेबाबा मंदिर के शिखर पर हुआ कलशारोहण, यह है विशेषता गुरुदेव का स्वप्न हुआ साकार: कुंडलपुर के नवनिर्माण में आचार्य गुरुदेव की परिकल्पना रही: आचार्य समयसागर

दमोहJun 11, 2024 / 07:34 pm

Samved Jain

Kundalpur KalashaRohan

Kundalpur KalashaRohan

दमोह. सिद्ध क्षेत्र जैन तीर्थ कुंडलपुर में आचार्यश्री समय सागर के चतुर्विध संघ के मंगल सानिध्य में आयोजित बड़े बाबा जिनालय कलशारोहण व सहस्त्रकूट जिनालय जिनबिम्ब वेदी प्रतिष्ठा महा महोत्सव का आयोजन किया गया। सुबह से अभिषेक, शांति धारा नित्यमह पूजन हुई। पूज्य बड़े बाबा जिनालय व दाएं बाएं के जिनालय पर कलशारोहण की क्रिया प्रारंभ हुई। स्वर्ण कलश के ऊपरी भाग पर आचार्यश्री समय सागर महाराज व मुनि संघ के साधुओं ने चंदन से स्वास्तिक बनाया। फिर तो लोगों में स्वास्तिक बनाने की होड़ मच गई। कलश के ऊपरी भाग को व कलशारोहण कर्ताओं को क्रेन के द्वारा ऊपर मंदिर के शिखर पर पहुंचाया गया ।
प्रतिष्ठाचार्य सम्राट ब्रह्मचारी विनय भैया ने कलशारोहण की क्रियाएं संपन्न कराई। आचार्य संघ के सानिध्य में बड़े बाबा मंदिर के शिखर एवं आजू.बाजू बने मंदिरों के शिखर पर प्रात 8.22 पर भव्य कलशारोहण गाजे बाजे के साथ संपन्न हुआ। उपस्थित श्रद्धालु भक्त इस अनुपम दृश्य को अपने नेत्रों से देखकर अपने भाग्य को सराह रहे थे । कलशारोहण कर्ता सुधीर कागदी विपिन जैन दिल्ली, नवीन गुडगांव सैनिक फार्म हाउस दिल्ली, राजेंद्र कुमार अजय कुमार विजय कुमार धनगशिया अजमेर, प्रभात मुंबई , एनसी जैन महेंद्र प्रताप करुणा सागर ,पदमचंद मदन कुमार, राजेश कुमार सौरभ अक्षत जैन रहे। इस अवसर पर हजारों श्रद्धालु भक्तों ने पूज्य बड़े बाबा का अभिषेक शांतिधारा में अपनी सहभागिता दर्ज कराई ।
इस अवसर पर आचार्य विद्यासागर व आचार्यश्री समय सागर महाराज की पूजन हुई ।आचार्य श्री का पाद प्रक्षालन हुआ शास्त्र अर्पण किए गए । कुंडलपुर में आचार्य समय सागर जी महाराज का चातुर्मास हो इस भावना के साथ कुंडलपुर क्षेत्र कमेटी के पदाधिकारी सदस्यों ने बड़ी संख्या में श्रीफल अर्पित कर निवेदन किया । दोपहर में श्रुत पंचमी पर्व धूमधाम से मनाया गया। आचार्य संघ के सानिध्य में अनेक धार्मिक कार्यक्रम संपन्न हुए ।

सागर से १०८ वाहनों से पहुंचे श्रावक

108 गाड़ी बसें लेकर सागर से आए श्रद्धालुओं ने श्रीफल अर्पित कर सागर में चातुर्मास के लिए निवेदन किया। 21 बस लेकर देवरी बीना बारहा से आए श्रद्धालुओं ने चातुर्मास के लिए निवेदन किया । शाहगढ़, दलपतपुर ,जबलपुर, भोपाल, अजमेर, नरसिंहपुर, गोटेगांव, गढ़ाकोटा ,पथरिया केसली सहित अनेक नगरों से आए श्रावकों ने अपने-अपने नगरों में मुनि संघ के चातुर्मास के लिए निवेदन किया ।

आचार्य विद्यासागर ने जो मार्ग प्रशस्त किया, उसकी प्रभावना के लिए शब्द कम

आचार्य समय सागर ने मंगल प्रवचन देते हुए कहा साक्षात तीर्थंकरों का दर्शन आज संभव नहीं है, लेकिन तीर्थंकरों की वाणी को आत्मसात करते हुए आत्म कल्याण करते हुए मोक्षमार्गियों को मार्ग प्रशस्त किए हैं । चतुर्विध संघ के नायक हैं आचार्य विद्यासागर, उन्होंने जो मार्ग प्रशस्त किया है 50-55 साल में जो प्रभावना की है। उस प्रभावना का कथन करने के लिए हम लोगों के पास शब्द नहीं है। अभूतपूर्व प्रभावना उन्होंने की है।
उन्होंने जो कार्य किया है विश्व कल्याण की भावना तीर्थंकरों में हुआ करती है। वही भावना गुरुदेव में रही फल स्वरुप विशाल संघ का दर्शन आप लोग कर रहे हैं। सन 1976 में आचार्य महाराज संघ सहित कुंडलपुर आए यहां का वातावरण देखा पहाड़ के ऊपर नीचे मिलकर 62 जिनालय उनका दर्शन उनकी वंदना की। उसमें हम भी शामिल थे और उस समय क्षुल्लक अवस्था थी। वातावरण कैसा था, उसका वर्णन भी हम नहीं कर पाएंगे, लेकिन उस समय जो कुंडलपुर का रूप था, वर्तमान में जो आप लोग गगन को छूने वाले उत्तंग शिखर के साथ बड़े बाबा जिनालय का दर्शन भारतवर्ष के नहीं देश- विदेश के लोग यहां आकर के बड़े बाबा का दर्शन करते हैं। उनको लगता होगा यह सपना तो मैं नहीं देख रहा हूं ।
ऐसा अभूतपूर्व दृश्य देखने को मिलता। ऐसा सारा का सारा कार्य यह जो परिकल्पना उनकी रही है। अद्भुत परिकल्पना है और उस परिकल्पना को उन्होंने साकार रूप दिया है और उनके हृदय के जो उदगार हैं। उन उद्गारों को सुनकर के बुंदेलखंड के जो उनके अनन्य भक्त रहे, उनके लिए आशीर्वाद जो उनका मिला है। उसके फल स्वरुप ऐसी ऊर्जा प्रस्फुटित हुई है, जिसके फल स्वरुप उनकी परिकल्पना को मूर्त रूप दिया है । आचार्यश्री ने कहा कि जिन बिम्ब के माध्यम से भी सम्यक की उत्पत्ति होती है साक्षात प्रभु का दर्शन होता है उसके माध्यम से सम्यक दर्शन को चरित्र के माध्यम से परिवर्तित करते हैं सम्यक की उपलब्धि हुआ करती है । इस प्रकार जिनालय को लेकर यह विषय आपके सामने रखा । इसी प्रकार चिकित्सा के क्षेत्र में सामने आदर्श प्रस्तुत किया है ।
सागर में भाग्योदय का निर्माण उनके माध्यम से हुआ है इसी प्रकार जबलपुर में भी पूर्णायु आयुर्वेदिक चिकित्सालय का निर्माण होने जा रहा है। चिकित्सा के क्षेत्र में इतना कार्य हुआ। इसी प्रकार शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने जो आदर्श प्रस्तुत किया है। शिक्षा के क्षेत्र में प्रतिभास्थली का निर्माण किया है और प्रतिभा मंडल का निर्माण हुआ है । 25 साल पूर्ण हो चुके हैं सारी बहनें बाल ब्रह्मचारी के रूप में है, कितनी बहनों ने दो-दो प्रतिमा लेकर निर्दोष पालन कर रही हैं । छात्राएं भी हजारों की संख्या में उनको संस्कारित करते हुए प्रतिभास्थली को आगे और बढ़ा रही है । सोचो आप सांसारिक क्षेत्र में आने वाला ज्ञान बड़ी- बड़ी यूनिवर्सिटी कॉलेज से प्राप्त होने वाला ज्ञान से आत्मा का दर्शन उस ज्ञान से प्राप्त नहीं हो सकता परमार्थ का ज्ञान पवित्र भाव के ज्ञान को ध्यान रखते हुए आचार्य महाराज का निरंतर आशीर्वाद फलता जा रहा और विशाल रूप लेता जा रहा है।

इतिहास का सबसे बड़ा कलश

कुंडलपुर क्षेत्र कमेटी के अमित त्यागी ने बताया कि इस कलश को तैयार कराने में ४० दिन से अधिक का समय लग गया। यह इतिहास का सबसे बड़ा कलश है। जिसकी लंबाई १५ फीट और चौड़ाई नौ फीट है। इसे विभिन्न धातुओं से निर्मित किया गया है। साथ ही सोने की परत बाह्य हिस्से पर हैं।

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