
MP में लॉकडाउन : दमोह उपचुनाव में न सोशल डिस्टेंसिंग न ही दिख रहा मास्क, 9 दिनों में 235 केस, 7 की मौत
दमोह/ मध्य प्रदेश में जहां एक तरफ बढ़ते संक्रमण के चलते हर जिले में सामाजिक दूरी को प्रभावी बनाने के लिये लॉकडाउन लगाया गया है, वहीं दूसरी तरफ दमोह में होने जा विधानसभा चुनाव के कारण हो रही राजनीतिक सभाओं और रैलियों में कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ती नजर आ रही हैं। खास बात ये है कि, जिन जिम्मेदारों के आदेश पर पूरे राज्य में जिले के संक्रमण स्तर पर लॉकडाउन घोषित किया गया है, उन्हीं की सभाओं में अकसर लोग सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाने को भूल रहे हैं। एक राजनीतिक सभा में शामिल सभी कार्यकर्ता राजनीतिक गमछा तो पहने हैं, लेकिन इनमें से अकसर लोग मास्क पहनना भूल गए।
देखकर लग ही नहीं रहा यहां संक्रमण है भी
शनिवार को जहां पूरा मध्य प्रदेश बढ़ते संक्रमण के चलते लॉकडाउन में है। वहीं दमोह उपचुनाव के चलते पूरा शहर खुला रहा। खास बात ये है कि, यहां प्रशासन की ओर से भी संक्रमण की रोकथाम को लेकर किसी तरह की खास समीक्षा नहीं की जा रही और न ही इन सभाओं और रैलियों में टूट रही कोरोना गाइडलाइन का पालन कराने की सख्ती दिखाई दे रही है। आज पूरा शहर खुला है। सुबह से ही बाजारों और चौराहों पर लोगों की भीड़ देखी जा रही है। चुनावी रैली में भी अकसर लोग मास्क पहने बिना ही नजर आए। शहर का माहौल देखकर ऐसा लग रहा है जैसे यहां कोरोना है ही नहीं। प्रत्याशी भी समर्थकों की भीड़ लेकर शहर से ग्रामीण और ग्रामीण से शहरी इलाकों में आमजन से वोट मांगने के लिये भीड़ लेकर उनके घरों पर जा रहे हैं।
...तो बेकाबू होंगे हालात
वहीं, अगर दमोह में कोरोना संक्रमण की बात करें, तो यहां पिछले 9 दिनों के भीतर ही कोरोना से 7 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि, इसी अवधि में 235 नए संक्रमितों की पुष्टि भी हो चुकी है। शुक्रवार को इस वर्ष के सबसे ज्यादा 33 कोरोना संक्रमित शहर में सामने आए हैं। बावजूद, इसके दमोह में कोरोना की रोकथाम के लिए न तो प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई की जाती नजर आ रही है और न ही जनप्रतिनिधि जिम्मेदारी दिखा रहे हैं। शहर में अगर यही हालात बने रहे, तो आगामी 17 अप्रैल को मतदान खत्म होने के बाद यहां की स्थितियां भी अन्य कई जिलों की तरह बेकूबू हो सकती हैं।
संक्रमण के बीच रैली में नहीं दिखें नियम
शनिवार को जहां पूरा प्रदेश लॉकडाउन में हैं और सरकार द्वारा लगातार समीक्षा कर जिलों की लॉकडाउन व्यवस्था बढ़ाने पर निर्देश दिये जा रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर दमोह में इसी दौरान भारतीय शक्ति चेतना पार्टी की प्रत्याशी उमा सिंह लोधी के समर्थन में रैली आयोजित की गई। वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी अजय टंडन और भाजपा के उम्मीदवार राहुल सिंह सैकड़ों समर्थकों के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में जोर शोर से जनसंपर्क किया गया। चुनावी गतिविधियों के बीच न तो यहां अधिकतर लोग मास्क लगाए नजर आए और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते दिखे। जरा सोचिये कि, इनकी ये गलती आगामी दिनों में शहर को किन हालातों से दो-चार होने पर मजबूर कर सकती है।
जिले में कोरोना के हालात
चुनावी माहौल के बीच दमोह में कोरोना संक्रमण लगातार तेजी से अपने पाव पसार रहा है। इस साल के सबसे अधिक मरीज 24 घंटों के दौरान शुक्रवार को सामने आए। इस दिन 33 नए कोरोना संक्रमित मिलने की पुष्टि हुई। इसके बाद जिले में संक्रमितों की कुल संख्या 3538 हो गई है। यही नहीं स्वास्थ विभाग से जुड़ी जानकारी रखने वालों का तो, यहां तक कहना है कि, चुनाव के कारण प्रशासन संक्रमितों और मृतकों के असल आंकड़े भी छिपा रही है। अगर जिले में सक्रीय जांच की जाए, तो स्थितियां कुछ और ही हों।
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Published on:
10 Apr 2021 03:58 pm
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