
new district in Bundelkhand: मध्यप्रदेश में बीना और जुन्नारदेव को नया जिला बनाने की कवायद के बीच अब बुंदेलखंड की हटा तहसील को जिला बनाने की सुगबुगाहट तेज हो गई है। काफी समय से चल रही हटा को जिला बनाने की मांग अब मुख्यमंत्री मोहन यादव (mp cm dr mohan yadav) तक पहुंच गई है। इस संबंध में भाजपा विधायक उमादेवी खटीक (bjp mla uma devi khatik) ने पत्र लिखा है। बीना के बाद हटा (hatta) दूसरा जिला बन सकता है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव 5 सितंबर को ही बीना (bina) आने वाले थे। लेकिन, उनके पिता के निधन के कारण बीना में होने वाला कार्यक्रम निरस्त हो गया। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री बीना जिले को बड़ी सौगात दे सकते हैं, क्योंकि कुछ ही दिनों में बीना विधानसभा का उपचुनाव (bina by election) होने वाला है।
बुंदेलखंड (bundelkhand) के दमोह जिले की हटा तहसील को जिला बनाए जाने की मांग काफी समय से चल रही है। इसे लेकर भाजपा विधायक उमादेवी लालचंद खटीक ने मुख्यमंत्री मोहन यादव को पत्र लिखा है। उमा देवी ने कहा कि हटा तहसील पिछड़ी हुई है और इसके विकास के लिए इसे जिला बनाया जाना चाहिए। उमा देवी ने कहा कि विधानसभा सत्र के दौरान भी उठाई थी, यह मांग अब तक लंबित है। हटा विधानसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीट है। यहां से उमादेवी खटीक भाजपा की टिकट पर लगातार तीसरी बार विधायक चुनी गई है।
उमा देवी ने सुझाव भी दिया कि हटा को इस क्षेत्र से लगे छतरपुर जिले के बक्सवाहा और सागर जिले के शाहगढ़ क्षेत्र को जोड़कर एक जिला बनाया जाना चाहिए है।
हटा तहसील का ऐतिहासिक महत्व है। यह महारानी दुर्गावती के गोंडवाना साम्राज्य के 52 अहम गढ़ों में शामिल था। इसी वजह से इसका नाम गोंड राजा हट्टे शाह पर रखा गया। यह तहसील दमोह जिले की सबसे बड़ी तहसील है, जिसका क्षेत्रफल 941 वर्ग किलोमीटर से भी ज्यादा है। इसमें 158 गांव और 1 कस्बा है। साल 2011 में हुई जनगणना के अनुसार, यहां की कुल आबादी 149602 है, जिसमें 78706 पुरुष और 70896 महिलाएं हैं। कुल जनसंख्या का 78.3% शहरी क्षेत्र में और 21.7% ग्रामीण क्षेत्र में निवास करता है। हटा तहसील में कुल जनसंख्या का 21.84% है, जिसमें अनुसूचित जाति- अनुसूचित जनजाति का प्रतिशत 10.55% है।
सागर जिले के बीना को नया जिला बनाने की हलचल तेज हो गई है। कुछ ही दिनों में बीना विधानसभा के उपचुनाव होने वाले है। इसे देखते हुए माना जा रहा है कि बीना को नया जिला बनाया जा सकता है। इसे लेकर पड़ोसी तहसील खुरई में आंदोलन शुरू हो गया है। वहां के लोग खुरई को नया जिला बनाने की मांग कर रहे हैं। खुरई में जमकर प्रदर्शन भी हुआ। वहीं बीना में भी डेञ़ माह से लगातार धरना प्रदर्शन नए जिले की मांग को लेकर चल रहा है। बीना में 1967 से जिला बनाने की मुहिम शुरू हुई थी। बीना में मुख्यमंत्री का कार्यक्रम था, लेकिन उनके पिताजी के निधन के कारण निरस्त कर दिया गया। माना जा रहा है कि सीएम कोई बड़ा ऐलान कर सकते हैं। वहीं पड़ोसी तहसील खुरई के कद्दावर नेता भूपेंद्र सिंह पूर्व मंत्री हैं और वे खुरई से भाजपा विधायक भी हैं। वे बीना को जिला बनाने के खिलाफ हैं।
Updated on:
09 Sept 2024 07:34 pm
Published on:
05 Sept 2024 03:23 pm
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