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दमोह. जिला अस्पताल को व्यवस्थित करने का प्रयास शुरू हो गया है। जिसमें एक के बाद बिगड़ी हुई व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने नए स्तर से प्रयास कराए जा रहे हैं। पिछले दिनों से लगातार हो रहे प्रयासों के बाद जिला अस्पताल प्रबंधन ने अस्पताल की अव्यवस्थाओं को सुधारने के लिए शिकायत पेटियों को लगाया गया। जिसमें आने वाले मरीजों को होने वाली परेशानी व अस्पताल की कमियों की शिकायत पोस्ट करने सभी वार्डों के बाहर तथा अस्पताल के एंट्री गेट से लेकर अन्य स्थानों पर शिकायत पेटियों को लगाया गया है। जिसमें आने वाली सभी शिकायतों के बाद उनके निराकरण का प्रयास भी कराया जाने लगा है। इसके साथ ही शिकायत पेटी में ही मरीजों के सुझाव भी मांगे गए हैं। जिससे उन पर अमल किया जा सके।
शिकायत पेटियों को लगाए जाने के बाद उसे आरएमओ डॉ. दिवाकर पटैल ने सिविल सर्जन डॉ. ममता तिमोरी की उपस्थिति में शिकायत सुझाव पेेटियों से पत्र निकालने के बाद उसकी समीक्षा की।
चार शिकायतों पर तुरंत किया निराकरण -
आरएमओ डॉ. दिवाकर पटैल ने बताया कि जिला अस्पताल की सभी सुझाव व शिकायत पेटियों के ताले खोलने के बाद उसमें से कुल दो सुझाव व चार शिकायतें प्राप्त हुईं। जिसमें चारों शिकायतों का तुरंत ही निराकरण किया गया।
यह थीं शिकायतें व सुझाव-
डॉ. दिवाकर पटैल ने बताया कि प्राप्त शिकातयों में एक महिला का एलटीटी ऑपरेशन नहीं हो रहा था। जिसे शिकायत पेटी में लिखकर पत्र डाला गया था। जिसका तुरंत निराकरण कराया गया। इसके साथ ही जन्म-मृत्यु शाखा में किसी कर्मचारी द्वारा पैसे मंगाए जाने की शिकायत पर उसका निराकरण किया गया। इसके अलावा शिकायत पेटी में सुझाव प्राप्त हुए थे कि हर वार्ड में एक डॉक्टर की ड्यूटी लगाई जाए जिससे मरीजों को किसी भी तकलीफ पर वह तुरंत ही जांच कर उसका उपचार कर सकें। इसके लिए मुख्यालय को पत्र भी लिखा गया है। यदि वहां से स्वीकृति मिलती है तो इस प्रक्रिया को चालू किया जा सकता है। इसी तरह से फीमेल वार्ड में दहलान में बनाए गई बाथरूम को वहां से अलग करने के लिए एक सुझाव दिया गया। क्योंकि वहां से पुरुष वर्ग का आवागमन लगा रहता है, तो महिलाओं को परेशानी होती है। जिससे दहलान की बाथरूम को हटाकर कहीं और निर्मित करने की सलाह दी गई थी। जिस पर विचार चल रहा है उसे जल्द ही हटाते हुए दूसरी जगह बनाया जाएगा। जिसके लिए स्थान का चयन किया जा रहा है।
अन्य भी जरूरी है शिकायतें -
शिकायतों व सुझावों की संख्या बढ़ेगी तो और अच्छा रहेगा। क्योंकि कमी कहीं न कहीं रहती हैं जिसमें सुधार कराना हमारा कर्तव्य है। जिला अस्पताल में इलाज का कोई शुल्क नहीं लगता है जहां निर्धारित है वहां पर रसीद दी जाती है। अगर कहीं कोई रुपए ले रहा है तो उसकी शिकायत तुरंत ही करना चाहिए। जिससे उस कर्मचारी पर कार्रवाई की जा सके।
डॉ. ममता तिमोरी - सिविल सर्जन
Published on:
30 Apr 2019 12:04 am
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