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जेलर ने कहा…दमोह जिला जेल के पहरी ही लगा रहे सुरक्षा में सेंध

जिला जेल से लगातार वायरल हो रहे कैदियों के वीडियो ने जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

दमोह. जिला जेल से लगातार वायरल हो रहे कैदियों के वीडियो ने जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। 17 जून के पत्रिका अंक में इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किए जाने के बाद जेल प्रशासन हरकत में आया और अब मामले की जांच के साथ कार्रवाई की कवायद शुरू की गई है।

कैसे पहुंच रहा मोबाइल जेल के भीतर

सबसे बड़ा सवाल यही उठ रहा है कि प्रतिबंधित क्षेत्र मानी जाने वाली जेल में मोबाइल फोन आखिर कैसे पहुंच रहे हैं। जेल में बंद कैदियों के वीडियो न केवल जेल नियमों का उल्लंघन हैं, बल्कि यह सुरक्षा में सेंध भी है। वायरल वीडियो में कुछ कैदियों को दीवार के पास खड़े होकर बातचीत करते और पोज देते देखा गया था।

जेलर का खुलासा, पहरी ही कर रहे मदद

जेलर सीएल प्रजापति ने इस मामले में बड़ा बयान देते हुए कहा है कि जेल की सुरक्षा में सेंध लगाने के पीछे जेल के ही कुछ पहरी शामिल हैं। उनके मुताबिक हाल ही में कुछ पहरियों के खिलाफ कदाचार को लेकर विभागीय जांच हुई थी, जिससे नाराज होकर वे अब इस तरह की गतिविधियों में सहयोग कर रहे हैं।

जेलर ने बताया कि एक वायरल वीडियो जेल परिसर की दीवार पर चढ़े एक मजदूर से बनवाया गया था, क्योंकि जेल में निर्माण कार्य जारी है। मजदूरों के मोबाइल फोन अब जब्त कर लिए गए हैं ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।

कुख्यात कैदी का वीडियो मुलाकात के दौरान बना

जेलर प्रजापति ने आगे बताया कि जेल में बंद कुख्यात कैदी कासिम कसाई का वीडियो मुलाकात के दौरान बनाया गया था। इस प्रकरण में संबंधित व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए पुलिस को पत्र भेजा गया है।

कलेक्टर ने मांगा जवाब

जेल से वीडियो वायरल होने की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर सुधीर कोचर ने जेल प्रशासन से इस संबंध में जवाब तलब किया है। जेलर प्रजापति ने पुष्टि की कि कलेक्टर ने वीडियो निर्माण की पूरी प्रक्रिया और लापरवाही को लेकर लिखित जवाब मांगा है।

मानवाधिकार आयोग तक पहुंचा मामला

जेल से वायरल हुए वीडियो को लेकर अब मामला राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक पहुंच गया है। दमोह के एक सामाजिक कार्यकर्ता ने इस पूरे घटनाक्रम की शिकायत आयोग में की है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि आयोग भी अब इस मामले में जेल प्रबंधन से सीधे पूछताछ करेगा।

पत्रिका व्यूजेल से सामने आ रहीं घटनाएं यह स्पष्ट कर रही हैं कि जेल के भीतर सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह दुरुस्त नहीं है। जिम्मेदारों की लापरवाही से न सिर्फ जेल की गरिमा प्रभावित हो रही है, बल्कि यह पूरे तंत्र की जवाबदेही पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा कर रही है।