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दमोह जिले में 1595 प्राथमिक, माध्यमिक स्कूल, जिनमें से 846 को मरम्मत की जरूरत

दमोह जिले में 1595 प्राथमिक, माध्यमिक स्कूल, जिनमें से 846 को मरम्मत की जरूरत,फाइल उच्च अधिकारियों को भेजी, लेकिन बारिश भी खतरों के बीच होगी नौनिहालों की पढ़ाई

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दमोह

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Samved Jain

Jun 19, 2024

Damoh School

Damoh School

दमोह. प्राथमिक और माध्यमिक कक्षाओं में पढऩे वाले विद्यार्थियों को भारत का भविष्य माना जाता हैं। कहते हैं ये कच्ची मिट्टी की तरह होते हैं, जैसा चाहे उन्हें शिक्षक ढाल सकते हैं, लेकिन जिले में शुरू हो रहे नए शैक्षणिक सत्र की पहली तस्वीर इनके सामने स्कूलों की बदहाली की ही सामने आने वाली हैं। जो बच्चों और इनके अभिभावकों के दिमाग पर कैसे असर करेगी, यह तो वह जानेंगे, लेकिन शाासन प्रशासन स्तर पर इसे लेकर कोई विशेष पहल अब तक नहीं हो सकी है।

नतीजतन, इस बारिश भी जिले के 55 प्रतिशत से अधिक प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों के बच्चे खतरे के बीच शिक्षा लेंगे। शासकीय स्कूलों का यह रेकॉर्ड चौकाने वाला ही है कि जिले में 1595 शासकीय प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल दर्ज है। जिनमें से 846 स्कूल ऐसे हैं, जिनमें मरम्मत की आवश्यकता है। इन स्कूल के प्रभारियों ने बकायदा वार्षिक कार्ययोजना में इस बात का उल्लेख किया है और मरम्मत के लिए राशि की मांग भी शासन से की है। खास बात यह है कि इस संख्या में 150 से अधिक स्कूल भी बताए जाते हैं, जिनमें मेजर मरम्मत की आवश्यता बताई जाती है और बारिश में मौसम में इन स्कूलों में कक्षाएं लगाना खतरे से भी खाली नहीं है, लेकिन अभी तक मरम्मत के लिए राशि की व्यवस्था नहीं हो सकी है।

बारिश में पल-पल रहता है खतरा

नए शैक्षणिक सत्र के साथ ही बारिश का मौसम भी दस्तक देने वाला है। हर साल मरम्मत योग्य स्कूल भवनों में छप्पर गिरने, सीलिंग गिरने, दीवार गिरने जैसे मामले सामने आते रहते हैं। इस बार भी इसी खतरे की बीच भविष्य संवरने वाला है। आंकड़ों पर गौर करें तो 150 से अधिक ऐसे स्कूल है, जिनमें सबसे ज्यादा खतरा इस बारिश में रहेगा। इसी पल-पल के खतरे की बीच पढ़ाई होगी। जबकि कई स्कूलों में पानी भरने, सीलिंग से पानी रिसने, फर्स पर सीलन आने, दीवारों में सीलन आने से निर्माण खराब होने सहित परिसर में पानी भरने जैसी समस्याओं से भी बच्चों को दो-चार होना पड़ेगा। इसकेे अलावा ऐसी स्थिति में स्कूलों में जहरीले जीव जंतुओं के प्रवेश आदि भी बारिश के दौरान देखने मिल जाते हैं।

हर ब्लॉक में कंडम स्कूल

दमोह जनपद शिक्षा केंद्र के अलावा हटा, पथरिया, जबेरा, तेंदूखेड़ा, पटेरा, बटियागढ़ ब्लॉक में भी प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल भवनों की हालत कंडम है। जिले में यह आंकड़ा 846 है। ऐसे में औसत हर ब्लॉक में 120 स्कूलों की हालात खराब बताई जाती है। इसके लिए स्कूल प्रभारी, बीआरसी और डीपीसी को लिखित में जानकारी भी दे चुके हैं।

राज्य से स्कूल सीधे कनेक्ट, हमने अपना काम किया

पत्रिका ने पड़ताल के बाद डीपीसी दमोह मुकेश द्विवेदी से सवाल किए तो उनका जवाब सीधा था कि हमने अपने स्तर का काम कर दिया है। अब कब राशि आएगी, कितने स्कूलों को राशि मिलेगी, किन स्कूलों को सिलेक्ट किया जाएगा, किसे कितनी राशि मिलेगी। यह सब स्कूल शिक्षा विभाग को तय करना है। साथ ही यह राशि सीधे स्कूलों के खातों में आएगी। जिसका काम भी उन्हें निर्माण शाखा के साथ मिलकर कराना है। उन्होंने सभी 846 स्कूलों की प्राप्त मरम्मत रिपोर्ट शासन स्तर पर भेजी जा चुकी है। साथ ही उसमें बारिश के पूर्व ही राशि उपलब्ध कराने का भी जिक्र किया गया था, लेकिन अभी तक राशि जारी नहीं हो सकी है। जिससे मरम्मत कार्य भी नहीं हो सके हैं।

फैक्ट फाइल

- 1595 जिले में कुल प्राथमिक, माध्यमिक स्कूल

- 846 स्कूलों में मरम्मत की जरूरत।

- 0 स्कूलों को अभी तक मरम्मत राशि मिली।

- 112 स्कूलों में बीते साल मरम्मत हुई।

- 150 से अधिक स्कूलों में मेजर मरम्मत की जरूरत