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BEO Sheikh Rafiq suspended: युक्तियुक्तकरण घोटाले में बड़ी कार्रवाई, बीईओ शेख रफीक सस्पेंड

BEO Sheikh Rafiq suspended: इन अनियमितताओं के चलते गीदम विकासखंड के 20 से अधिक शिक्षकों को अन्य विकासखंडों में स्थानांतरित होने की स्थिति में पहुंचना पड़ा।

युक्तियुक्तकरण घोटाले में कार्रवाई (Photo source- Patrika)
युक्तियुक्तकरण घोटाले में कार्रवाई (Photo source- Patrika)

BEO Sheikh Rafiq suspended: शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण में मनमानी और नियमों की अनदेखी को लेकर जिला प्रशासन ने कड़ा कदम उठाते हुए गीदम विकासखंड के खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) शेख रफीक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। कलेक्टर कुणाल दुदावत ने यह कार्रवाई संभागायुक्त से अनुमोदन प्राप्त होने के बाद की।

BEO Sheikh Rafiq suspended: शिक्षक संगठनों ने दर्ज कराया विरोध

निलंबन आदेश में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि राज्य शासन के निर्देशों के विरुद्ध जाकर युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में भारी अनियमितताएं की गई हैं। यह मामला तब उजागर हुआ जब गीदम में पदस्थ अतिशेष शिक्षकों को देर रात सूचना देकर अगली सुबह काउंसलिंग के लिए बुलाया गया। इस असामान्य प्रक्रिया से असंतुष्ट होकर शिक्षक संगठनों ने विरोध दर्ज कराया और कलेक्टर से मिलकर शिकायत की।

कलेक्टर ने शिक्षकों को प्रक्रिया में भाग लेने की समझाइश दी और सभी शिकायतों की जांच कर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। जांच में खुलासा हुआ कि गीदम ब्लॉक द्वारा तैयार की गई अतिशेष शिक्षकों की सूची में गंभीर गड़बड़ियां हैं, जिसके कारण पूरी काउंसलिंग प्रक्रिया को अगले ही दिन निरस्त करना पड़ा।

यह भी पढ़ें: BEO suspended: युक्तियुक्तरण में मनमानी, सीनियर शिक्षक को किया अतिशेष, जूनियर पर मेहरबानी, कमिश्नर ने BEO को किया सस्पेंड

BEO Sheikh Rafiq suspended: जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जयंत नाहटा द्वारा की गई जांच में बीईओ शेख रफीक पर लगे आरोपों को सत्य पाया गया। इसके बाद संभागायुक्त से विभागीय कार्रवाई व निलंबन की अनुमति ली गई। इन अनियमितताओं के चलते गीदम विकासखंड के 20 से अधिक शिक्षकों को अन्य विकासखंडों में स्थानांतरित होने की स्थिति में पहुंचना पड़ा।

शासन के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद दिव्यांग शिक्षक राजकुमार जैन को अतिशेष घोषित किया गया।

31 आश्रम शालाओं के रिक्त पदों को युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया से जानबूझकर बाहर रखा गया।

वरिष्ठता सूची में फेरबदल कर शिक्षकों को मनमाने तरीके से स्थानांतरित किया गया।

आश्रम अधीक्षकों को अतिशेष शिक्षक की सूची में शामिल किया गया।

विशिष्ट संस्थाओं में कार्यरत शिक्षकों को भी युक्तियुक्तकरण सूची में शामिल किया गया।