
CG Election 2025: नगरी निकाय चुनाव में आरक्षण को लेकर यहां निवासरत पिछड़ा वर्ग समुदाय के बीच भारी निराशा और रोष व्याप्त है। इस बार दंतेवाड़ा नगरी निकाय क्षेत्र में ओबीसी के लिए एक भी वार्ड आरक्षित नहीं किया गया है, जबकि पिछले चुनाव में चार वार्डों में ओबीसी के लिए आरक्षण था। इस बार के चुनाव में कुल 15 वार्डों में से किसी भी वार्ड में ओबीसी के लिए आरक्षण नहीं दिया गया है, जिससे पिछड़ा वर्ग समाज आहत है।
नागेश जैसवाल सचिव कलार समाज, सुरेश कर्म अध्यक्ष सर्वआदिवासी समाज ने जारी बयान में कहा कि देश और राज्य की जनसंख्या में ओबीसी वर्ग का बड़ा हिस्सा होने के बावजूद उन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है। (chhattisgarh news) देश में ओबीसी की जनसंख्या लगभग 60% और छत्तीसगढ़ राज्य में करीब 50% बताई जाती है। इसके बावजूद, ओबीसी के जातिगत जनगणना के प्रति दोनों ही सरकारें संवेदनशील नहीं हैं।
पिछले कुछ समय से ओबीसी जातिगत जनगणना को लेकर केवल बयानबाजी हो रही है, लेकिन इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। ओबीसी समाज को 'क्वांटिफिएबल डाटा' के नाम पर केवल बेवकूफ बनाया जा रहा है और यह डाटा न तो समाज के पदाधिकारियों को दिया गया है और न ही इसे सार्वजनिक किया गया है।
पिछले चुनाव में बचेली, किरंदुल और गीदम तीनों नगरी निकायों में ओबीसी के लिए चार से पांच सीटें आरक्षित थीं, लेकिन दंतेवाड़ा को ही ओबीसी विहीन कर दिया गया है। (chhattisgarh election 2025) इस फैसले के पीछे किस गणित का आधार था, यह अभी तक साफ नहीं हो सका है। इस निर्णय से ओबीसी समाज और उनके लोगों के लिए यह स्थिति समझ से परे है, क्योंकि पिछड़ा वर्ग को केवल वोट बैंक के रूप में देखा जा रहा है।
CG Election 2025: ओबीसी वर्ग के लोग आहत हैं और उनका कहना है कि अगर इसी तरह उनकी अनदेखी की जाती रही तो भविष्य में ओबीसी वर्ग का अस्तित्व ही समाप्त हो सकता है। समाज के लोगों का यह मानना है कि अब समय आ गया है जब पिछड़ा वर्ग एकजुट होकर इस विषय पर विचार करे और सरकार से यह अपील करें कि देश और राज्य में ओबीसी की जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण प्रदान करने के लिए नई रणनीति और कार्य योजना तैयार की जाए।
Updated on:
07 Jan 2025 06:18 pm
Published on:
07 Jan 2025 05:12 pm
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