NMDC News: मजदूर संगठन अपील कर रहा है कि इस मामले में संवेदनशीलता दिखाएं और सभी पक्षों की सहमति से निर्णय लें ताकि क्षेत्र में शांति बनी रहे।
NMDC News: वेस्ट माइनिंग को लेकर चल रहा विवाद फिर से गरमाता नजर आ रहा है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, एनएमडीसी ने अब वेस्ट माइनिंग को निजी कंपनियों के हवाले करने की पूरी तैयारी कर ली है। यह कदम कंपनी के कर्मचारियों की बजाय निजी फर्मों को सौंपने का निर्णय है, जो किरंदुल और बचेली दोनों परियोजनाओं पर लागू होगा।
पहले एनएमडीसी के कर्मचारी ही वेस्ट माइनिंग का काम संभालते थे, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही, समय पर मशीनों की उपलब्धता न होना और वेस्ट प्रबंधन में व्यवधान के कारण कंपनी को लौह अयस्क उत्पादन में गुणवत्ता बनाए रखने में गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
इसी कारण प्रबंधन ने निजी कंपनियों को वेस्ट माइनिंग सौंपने का निर्णय लिया है। इस फैसले को लेकर मजदूर संगठन और स्थानीय जनप्रतिनिधि कड़ा विरोध जता रहे हैं। वे इस कदम को मजदूरों और स्थानीय लोगों के हितों के खिलाफ मानते हैं। वहीं, मजदूर संगठन ने संयमित रुख अपनाया है और आरएलसी के निर्देशों का पालन कर रहे हैं।
बता दें कि वेतन समझौते और वेस्ट माइनिंग के मुद्दे को लेकर पहले भी मजदूर संगठन क्रमिक भूख हड़ताल कर चुका है। उस समय केंद्रीय मुख्य श्रम आयुक्त ने हस्तक्षेप कर दोनों पक्षों को संयम बरतने की सलाह दी थी, जिसके बाद हड़ताल समाप्त हुई थी। लेकिन अब परिस्थिति बदलती नजर आ रही है। एनएमडीसी प्रबंधन अपने फैसले में आक्रामक हो चुका है और एकतरफा निर्णय लेने से पीछे नहीं हट रहा।
NMDC News: इस फैसले से न केवल एनएमडीसी के वर्तमान कर्मचारी प्रभावित होंगे, बल्कि ठेकेदार, बेरोजगार युवा और स्थानीय ग्रामीण भी इससे सीधे तौर पर प्रभावित होंगे। इससे इलाके में आक्रोश बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। वहीं, मजदूर संगठन अपील कर रहा है कि इस मामले में संवेदनशीलता दिखाएं और सभी पक्षों की सहमति से निर्णय लें ताकि क्षेत्र में शांति बनी रहे।