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कांग्रेस के इस कद्दावर नेता ने दी खुली चुनौती, इस बार थम जाएगी विकास यात्रा

कांग्रेस के विकास पर ही हेलीकाप्टर में सीएम डॉ. रमन सिंह उड़ रहे हैं। उनके बनाए हैलीपेड में उतर रहे हैं। तीन पंचवर्षीय शासन कर लिया।

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इस बार थम जाएगी विकास यात्रा

दंतेवाड़ा. मांई दंतेश्वरी की धरा से विकास रथ के पीछे कांग्रेसियों की विकास खोजो रथ निकली है। विकास खोजो यात्रा में संभाग के आठों विधायक मां दंतेश्वरी की पूजा अर्चना के बाद जनता के बीच निकले। इस बीच पत्रकारों से चर्चा के दौरान उप नेता प्रतिपक्ष कवासी लखमा ने भाजपा को आड़े हाथों लिया। उन्होंने सीएम के उस सवाल का जवाब दिया, जिसमें वे कहते हैं कि काग्रेस ने 50-60 साल में कुछ नहीं किया।

इस बार विकास यात्रा भाजपाइयों की थम जाएगी
कवासी लखमा का कहना है कि कांग्रेस के विकास पर ही हेलीकाप्टर में सीएम डॉ. रमन सिंह उड़ रहे हैं। उनके बनाए हैलीपेड में उतर रहे हैं। तीन पंचवर्षीय शासन कर लिया। इस बार विकास यात्रा भाजपाइयों की थम जाएगी। परिवर्तन यात्रा की तरह भले ही खोजो यात्रा में कुर्बानी देनी पड़े लेकिन जनता के साथ छलावा नहीं होने दिया जाएगा।

सीएम को नेता उप प्रतिपक्ष और विधायकों ने खुली चुनौती दी
सीएम को नेता उप प्रतिपक्ष और विधायकों ने खुली चुनौती दी है। शहर और सड़क के किनारे विकास का ढिंढोरा मत पिटे। चिंतलनार, चिंतागुफा की ओर भी विकास रथ को लेकर जाएं। असलियत सामने आ जाएगी। विकास खोजो यात्रा में विधायक दंतेवाड़ा देवती कर्मा, कवासी लखमा कोंटा , लखेश्वर बघेल बस्तर , दीपक बैज चित्रकोट , मोहन मरकाम कोंडागांव, मनोज मंडावी भानुप्रतापपुर, नगर पालिका अध्यक्ष दीपक कर्मा, जिलाध्यक्ष दंतेवाड़ा विमल सुराना , मनोज देव सुकमा , एनएसयूआई, महिला कांग्रेस, युवक कांग्रेस के पदाधिकारियों सहित बड़ी संख्या में कांग्रेसी मौजूद थे।

आदिवासियों के साथ दुव्र्यवहार इसी सरकार में हुआ
विधायकों ने पत्थलगड़ी पर किए गए सवाल पर कहा कि आदिवासियों के साथ दुव्र्यवहार का यह पहला मामला नहीं है। उनके साथ पिछले 17 साल से अत्याचार किए जा रहे हैं। फर्जी मुठभेड़ में नाबालिगों को भी मारा गया। एनकाउंटर और बस्तर ये दो नाम न लिए जाए, तब तक बस्तर का दर्द उभर कर बाहर नहीं आता। अंदरूनी इलााकों में पुलिस फोर्स की ज्यादती सरकार ने कभी नहीं देखी। माओवाद के नाम परआदिवासियों का ही शोषण किया गया। भोले-भाले ग्रामीणों को जेल में ठूंसा गया। हक की बात की तो पत्थलगड़ी के नाम पर भी आदिवासी छले गए और उनको जेल भेजा गया।

जनता को लाने के लिए प्रशासनिक मशीनरी का इस्तेमाल
आजाद भारत में पहली बार राजनीति की तस्वीर भाजपा के शासन काल में बदलते देख रहे हैं। राजनीति में पहले पार्टी कार्यकर्ता ही भीड़ को जुटाने के लिए मशक्कत करते थे। अब भाजपा के शासन काल में प्रशासन को जिम्मेदारी सौंप दी गई। यह ठीक उसी तरह है जैसे माओवादी फरमान जारी होता है कि फलां कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। यहां ठीक उसका उल्टा है। अधिकारियों को फरमान जारी होता कि इतनी भीड़ कार्यक्रम में आनी चाहिए। विकास यात्रा की भीड़ भी इसी तरह जुटाई जा रही है। ग्रामीणों को सचिव, फारेस्ट गार्ड, पटवारी, आरआइ, पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी बरगला कर लेकर आए थे। उनसे कहा गया था कि पट्टा मिलेगा, राशि मिलेगी। इस तरह भीड़ को एकत्र किया गया। यह सरकार सिर्फ जनता को परेशान कर रही है।


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