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हार के बाद भावुक हुए नरोत्तम मिश्रा, बोले- समुद्र का पानी उतरता देख किनारों पर घर मत बना लेना, मैं लौटकर आऊँगा…।

Narottam Mishra first reaction- दतिया विधानसभा सीट से चुनाव हारने के बाद भावुक हुए नरोत्तम मिश्रा ने चिरपरिचित अंदाज में दी पहली प्रतिक्रिया...।

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दतिया

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Manish Geete

Dec 05, 2023

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हार के बाद शायर बन गए डा. नरोत्तम मिश्र। देखें VIDEO

दतिया विधानसभा सीट से चुनाव हारने के बाद भी नरोत्तम मिश्रा अपने चिर-परिचित अंदाज में नजर आए। मिश्रा सोमवार को सुबह कार्यकर्ताओं के सामने आए और अपनी पहली प्रतिक्रिया दी। उन्होंने शायराना अंदाज में कार्यकर्ताओं से चर्चा की और इशारों ही इशारों में प्रतिद्वद्वी कांग्रेस के प्रत्याशी को एक मौका देने की बात कही।

नरोत्तम मिश्रा का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। नरोत्तम मिश्रा कह रहे हैं कि क्या हार में क्या जीत में किंचित नहीं भयभीत में। कर्म पथ पर जो भी मिला, यह भी सही है, वह भी सही है। मैं लौटकर आउंगा यह वादा है।

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव की दतिया सीट सबसे हॉट सीट इसलिए बन गई थी क्योंकि प्रदेश के गृहमंत्री एवं सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्र यहां से चुनाव लड़ रहे थे। उनके सामने कांग्रेस ने राजेंद्र भारती को मैदान में उतारा था। मतगणना वाले दिन आगे-पीछे के दौर के बाद शाम तक नरोत्तम मिश्र से राजेंद्र भारती आगे निकल गए। 6 राउंड की काउंटिंग के बाद राजेंद्र भारती 6230 वोटों से आगे निकल गए। नरोत्तम मिश्रा ने दतिया विधानसभा सीट से 2018 में कांग्रेस के ही राजेंद्र भारती को हराया था। मिश्रा को 72209 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र भारती को 69 हजार 553 वोट मिले थे।

ऐसा था नरोत्तम का अंदाज

सरकार आपकी है, ललकार आपकी है और तरकार भी आपकी है। किसी किंचित भ्रम में मत आ जाना। समुद्र का पानी उतरता देखकर किनारे पर घर मत बना लेना। मैं लौटकर आउंगा, ये वादा है। मैं ज्यादा समय शांत रहने वाला जीव नहीं हूं, लेकिन उनको अवसर जरूर देना चाहिए, इस बात का ध्यान दो। मेरा कार्यकर्ता मेरे प्राणों से प्यारा तब भी था और अब भी है। तब आपको लगा होगा कि मैं चुनाव के कारण कह रहा हूं, लेकिन मित्रों सच में कार्यकर्ताओं में मेरे प्राण बसते हैं, मैं जीतू या हारूं। यह तय मानकर चलना। इसलिए मैंने कहा है कि बिल्कुल भी चिंता नहीं करना, क्योंकि सरकार आप ही की है। जनता के लिए उसको करने दो। कार्यकर्ताओं के लिए मैं करंगा। हर हफ्ते आपके बीच में इसी कार्यालय में मैं ऐसे ही मिलूंगा। कोई भी दिक्कत होगी, वो आपकी नहीं होगी, वो नरोत्तम की होगी। कोई भी परेशानी आपकी नहीं, नरोत्तम की होगी। कोई भी समस्या आपकी नहीं, मेरी होगी। लेकिन, कार्यकर्ता की। जनता ने उनको चुना है तो उन्हें काम करने दो। वो जैसा विकास करें, वो बीमार की जैसी तालीमदारी करें। वो जैसा सड़कों का विकास करें, पुल पुलिया का विकास करें। उनको वो विकास करने दो, लेकिन कार्यकर्ता के विकास की चिंता मेरी जिम्मेदारी है।