
स्कूलों के शौचालयों में न गेट हैं न पानी
दतिया. जिले में शिक्षण व्यवस्था सुधारने पर इनदिनों पूरा जोर दिया जा रहा है। अधिकारियों की फौज स्कूलों का निरीक्षण कर रही है। लेकिन छात्र - छात्राओं की समस्याओं की ओर अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। पत्रिका टीम ने सोमवार को जिले के स्कूलों में बने शौचालयों की स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान शौचालयों की स्थिति बदहाल मिली। स्कूलों में बने शौचालय बदहाल होने से छात्राओं को ज्यादा परेशानी हो रही है। स्थिति यह है कि छात्रों के साथ छात्राओं को भी खुले में मूत्र विसर्जन के लिए जाना पड़ता है।
सिकंदरपुर में लैट्रिन- बाथरूम ही नहीं
भांडेर. पत्रिका प्रतिनिधि सोमवार को पानी की टंकी के पास सिकंदरपुर में बने शासकीय माध्यमिक विद्यालय पहुंचा। यहां प्रभारी प्रधानाध्यापक अशोक हरदैनिया से बात की तो उन्होंनेे बताया कि विद्यालय में लैट्रिन - बाथरूम ही नहीं है। स्कूलों में 140 छात्र - छात्राएं अध्ययनरत हैं। स्कूल में लैट्रिन - बाथरूम न होने से छात्र - छात्राओं को खुले मैदान में जाना पड़ता है। प्रधानाध्यापक ने बताया कि वह इस संबंध में कई बार पत्राचार कर चुके हैं लेकिन छात्र - छात्राओं की इस समस्या का कोई निराकरण नहीं हो पा रहा है। पत्रिका प्रतिनिधि ने सोनतलैया रोड पर स्थित शासकीय कन्या माध्यमिक विद्यालय का भी जायजा लिया। इस विद्यालय में मिडिल में 172 और प्रायमरी में 139 छात्र - छात्राओं को मिला कर कुल 311 छात्र - छात्राएं अध्ययनरत हैं। विद्यालय में बाथरूम तो है लेकिन पानी की व्यवस्था नहीं है। प्रधानाध्यापक विपर्ण चरण वाजपेयी ने बताया कि चपरासी से बाल्टियां भरवा कर रखवा देते हैं।
बाथरूम में गेट नहीं, लैट्रिन का गेट टूटा
जिला मुख्यालय से सटे शासकीय प्राथमिक विद्यालय कलापुरम में शौचालय की स्थिति अच्छी नहीं है। इस विद्यालय में 37 बच्चे अध्ययनरत हैं। विद्यालय के बाथरूम में गेट नहीं है और शौचालय का एक गेट टूटा हुआ है। विद्यालय की प्रधानाध्यापिका सुशीला साहू से बात करने पर उन्होंने बताया कि बजट न होने की वजह से व्यवस्थाएं नहीं सुधर पा रही हैं।
जर्जर हालत में है शौचालय
इंदरगढ़. शासकीय प्राथमिक विद्यालय तिगरू में शौचालय बदहाल हैं। स्कूल भवन वर्षों पुराना है। विद्यालय में शौचालय जर्जर हालत में है। बरसात के दिनों में शौचालय में पानी भर जाता है और छत से पानी टपकता है। विद्यालय के प्रधानाध्यापक लालता प्रसाद शर्मा ने बताया कि बजट न होने की बजह से शौचालय में सुधार नहीं करवा पा रहे हैं।
स्कूलों में बजट की समस्या होने की बजह से शौचालयों में सुधार नहीं हो पा रहा है। जिन स्कूलों के शौचालयों में पानी की समस्या है वहां जल जीवन मिशन के तहत पानी की टंकियां रखवाई जा रही हैं। इसके बाद जो स्कूल बचेंगे उन स्कूलों में पानी की व्यवस्था और टंकियों के लिए प्रस्ताव बना कर जिला पंचायत को भेजा जाएगा।
यू एन मिश्रा, जिला शिक्षा अधिकारी दतिया
Published on:
06 Dec 2022 06:31 pm
बड़ी खबरें
View Allदतिया
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
