
पत्रिका फाइल फोटो
दौसा। राजस्थान के दौसा जिले में शहरी रोजगार गारंटी योजना में फर्जीवाड़ा करने का मामले सामने आया है। मंडावर पालिका कर्मचारी रोजगार सहायक लखन सैनी ने मनरेगा कार्य स्थल का निरीक्षण किया तो 90 श्रमिकों की जारी मस्टररोल में सिर्फ मौके पर 14 श्रमिक ही कार्य करते पाए गए। योजना में फर्जीवाड़ा का भंडाफोड़ होते ही कार्मिकों में अफरा तफरी मच गई।
इधर शहरी गारंटी योजना में फर्जी श्रमिकों की उपस्थिति दर्ज कर किए जा रहे फर्जीवाड़े की जांच कराने की मांग को लेकर बृजेश, गंगाराम, प्रकाश चंद, रामगोपाल, रामलखन, ललित, संतोष, मुकेश मीना, राहुल मीना, रामकेश, कमल आदि ने उपखण्ड अधिकारी अमित कुमार वर्मा को ज्ञापन सौंपा है। इसमें बताया कि मिलीभगत के चलते मुख्यमंत्री शहरी गारंटी रोजगार योजना में फर्जीवाड़ा हो रहा है।
उन्होंने बताया कि मण्डावर नगर पालिका में 1 सितम्बर से 15 सितम्बर तक पखवाड़ा जारी हुआ। इसमें 90 श्रमिकों की मस्टररोल जारी हुई। इसमें अपने चहेते लोगों का फर्जी तरीके से नाम दर्ज करवाकर खुलेआम फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि संबंधित कर्मचारी मस्टररोल की जांच करने 15 दिन में एक बार ही जाता है। जबकि मस्टररोल की जांच नियमित की जानी चाहिए थी।
उन्होंने बताया कि 8 सितम्बर को पालिका कर्मचारी रोजगार सहायक लखन सैनी इस मस्टरोल की जांच करने मौके पर गए तो 90 में से मात्र 14 श्रमिक ही मौके पर उपस्थित मिले। जबकि 76 श्रमिक नदारद मिले। श्रमिकों की फर्जी उपस्थिति दर्ज करने के लिए मस्टररोल में काट-छाट कर रखी है। मनरेगा ग्रुप में श्रमिकों की उपस्थिति नहीं डाली जा रही है।
Published on:
11 Sept 2025 01:51 pm
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