बांदीकुई। आठवीं सदी में निर्मित विश्वप्रसिद्ध आभानेरी की चांद बावड़ी में एक तरफ बने महलनुमा संरचना में पर्यटकों के लिए प्रवेश शुरू कर दिया गया है। ऐसे में सैलानी अब अधिक समय बावड़ी में व्यतीत कर सकेंगे। इससे पर्यटन को भी बढ़ावा सकेगा।
जानकारी के अनुसार 19. 5 मीटर गहरी वर्गाकार आभानेरी की चांद बावड़ी देश की प्राचीन एवं सुसज्जित बावड़ियों में से एक है। जो भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग जयपुर मण्डल का संरक्षित स्मारक है। इसमें तीन तरफ सीढिय़ां एवं एक तरफ महलनुमा संरचना बनी हुई है। जो काफी समय से पर्यटकों के लिए बंद थी। ऐसे में विभाग की ओर से इसके अन्दर प्राचीन तरीके से संरक्षण कार्य कराया गया है। इसके बाद इसे पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है।
पर्यटक इसके अन्दर जाकर बावड़ी का अधिक नजदीक से दीदार कर सकते है। सुरक्षा की दृष्टि से गार्ड तैनात है एवं सूचना बोर्ड भी लगाए गए है। गौरतलब है कि चांदबावड़ी विदेशी एवं भारतीय सैलानियों के आर्कषण का केन्द्र है। पर्यटन विभाग की ओर से प्रतिवर्ष नवरात्र में आभानेरी फेस्टीवल का आयोजन किया जाता है।
चांदबावड़ी में बरामदे का एक हिस्सा गिर गया था। इसका पुनर्निर्माण कार्य चल रहा है।वहीं महलनुमा संरचना व अन्य जगह भी संरक्षण कार्य कराया गया है। यह कार्य तय मानकों के अनुसार कराए गए है। इसमें प्राचीन समय में प्रयुक्त बेलगिरी, गोंद व गुड़ आदि के मिश्रण का प्रयोग किया है।
चांद बावड़ी के पास ही हर्षद माताजी का मंदिर स्थित है। यह मंदिर महामेरू शैली में बना हुआ है। उसका मंडप एवं गर्भगृह दोनों ही गुम्मदाकार एवं छतयुक्त है। मंदिर की दीवारों पर देवी देवताओं की प्रतिमाएं बनी हुई है।
Published on:
23 Jun 2025 01:16 pm