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दौसा। एक वर्ष के भीतर दूसरी बार गांधी परिवार का चेहरा कांग्रेस में उत्साह का संचार करने दौसा जिले की धरती पर आ रहा है। पिछले साल दिसम्बर में राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा में दौसा जिले में आए और अब 10 माह बाद प्रियंका गांधी ईआरसीपी के मुद्दे को लेकर सभा करेंगी। रोचक यह है कि प्रियंका की सभा सिकराय विधानसभा क्षेत्र में उसी जगह हो रही है, जहां भारत जोड़ो यात्रा का ठहराव हुआ था। जिस तरह का जनसमूह यात्रा के समय उमड़ा था, वैसी ही भीड़ अब जुटाने में कांग्रेस लगी हुई है।
केन्द्र की भाजपा सरकार ने हाल ही में महिलाओं का आरक्षण का तोहफा दिया है। इसके बाद से कांग्रेस की ओर से लगातार महिला आरक्षण के लिए पार्टी की ओर से किए गए प्रयास गिनाए जा रहे हैं। ऐसे में प्रियंका गांधी की सभा भी उसी विधानसभा क्षेत्र में होने जा रही है, जहां से महिला मंत्री ममता भूपेश विधायक हैं। इसके चलते सभा में महिलाओं की भी अच्छी-खासी भागीदारी देखने को मिलेगी। स्थानीय कांग्रेस के नेता गांवों में जनसम्पर्क कर महिलाओं की भीड़ जुटाने में लगे हुए हैं।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने बताया कि सभा में प्रियंका गांधी के अलावा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, सचिन पायलट, प्रदेश अध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा, सह प्रभारी अमृता धवन, भंवर जितेन्द्र सिंह, डॉ. सीपी जोशी सहित प्रदेश के कई नेता शामिल होंगे।
एससी-एसटी व ओबीसी को रिझाने का प्रयास
सिकराय विधानसभा क्षेत्र एसटी-एसटी व ओबीसी बाहुल्य क्षेत्र हैं। कांग्रेस लगातार इन वर्गों पर फोकस कर रही है। इसलिए प्रियंका की सभा का क्षेत्र ग्रामीण इलाके में रखा गया है। हाल ही में बारां आए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पिछड़ी जाति की जनगणना कराने की बात भी कही थी।
9 जिलों से आएंगे नेता-कार्यकर्ता, ईआरसीपी पर भाजपा को घरेंगे
नेशनल हाइवे 21 पर दौसा से सिकंदरा के बीच कांदोली में होने वाली प्रियंका गांधी की सभा में प्रमुख रूप से दौसा, अलवर, जयपुर शहर व ग्रामीण, करौली, सवाईमाधोपुर, धौलपुर, भरतपुर, टोंक आदि जिलों से नेता व कार्यकर्ता आएंगे। एक लाख लोगों की भीड़ जुटाने का लक्ष्य रखा है।
सभा के माध्यम से पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं करने को लेकर भाजपा की केन्द्र सरकार को घेरा जाएगा। उल्लेखनीय है कि इन जिलों में पानी की समस्या को दूर करने के लिए यह परियोजना महत्वपूर्ण है तथा स्थानीय किसान लगातार आंदोलनरत भी हैं। राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं होने पर कांग्रेस की प्रदेश सरकार अपने स्तर पर इस परियोजना का काम शुरू कर दाव चल चुकी है।
लगातार तीन चुनाव हार चुकी भाजपा
सिकराय सीट भाजपा लगातार तीन बार से हार रही है। ऐसे में यह कांग्रेस का मजबूत गढ़ है। अब तक हुए 14 चुनाव में 8 बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की है, मात्र 3 बार भाजपा को यहां से सफलता मिली। वहीं दौसा जिले की पांचों विधानसभा सीटों की बात करें तो यहां 4 कांग्रेस व 1 निर्दलीय के खाते में थी।
Published on:
19 Oct 2023 09:17 am
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