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Getolav Dham: राजस्थान के ‘मिनी पुष्कर’ की सुंदरता में लगेंगे चार चांद, जानें गेटोलाव धाम क्यों हैं खास?

देवनगरी दौसा का मिनी पुष्कर कहे जाने वाले गेटोलाव धाम की सुंदरता में अब चार चांद लगेंगे। यहां सौंदर्यीकरण एवं निर्माण कार्य के लिए राजस्थान सरकार ने 2.19 करोड़ रुपए की स्वीकृति प्रदान की है।

दौसा

Anil Prajapat

Jun 23, 2025

Getolav-Dham-in-Dausa-
गेटोलाव धाम का मनोरम नजारा। फोटो: पत्रिका

दौसा। देवनगरी दौसा का मिनी पुष्कर कहे जाने वाले गेटोलाव धाम की सुंदरता में अब चार चांद लगेंगे। यहां सौंदर्यीकरण एवं निर्माण कार्य के लिए राजस्थान सरकार ने 2.19 करोड़ रुपए की स्वीकृति प्रदान की है। गौरतलब है कि गेटोलाव में प्राकृतिक सुंदरता का नजारा लोगों को अभिभूत करता है, लेकिन यह स्थान बीते कुछ साल से प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार हो रहा है। हालांकि मौसम की मेहरबानी से सरोवर में पानी भरा होने से बड़ी संख्या में यहां लोग प्रकृति के नजारे का लुत्फ लेने पहुंचते हैं, लेकिन सुविधाओं की कमी आड़े आती है।

अब सरकार ने राशि स्वीकृत की है तो विकास की गति बढ़ेगी। साथ ही इस बार मानूसन के आगमन से गेटोलाव धाम की सुंदरता भी लोगों को मोहित कर रही है। प्रतिदिन सैकड़ों लोग यहां हरियाली के बीच ताजगी का आनंद लेते आ रहे हैं। साथ ही सरोवर में मौजूद मछलियों को आटे की गोलियां डालकर पुण्य भी अर्जित कर रहे हैं। गत दिवस यहां योगाभ्यास के दौरान आए कैबिनेट मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने भी प्रकृति के मनमोहक नजारे की प्रशंसा कर जिला प्रशासन को सुधार के आवश्यक निर्देश दिए थे। साथ ही घाट पर जाकर मछलियों को आटे की गोलियां डाली थी।

सड़क के लिए भी राशि स्वीकृत

गेटोलाव दौसा-लालसोट राजमार्ग के पास ही स्थित होने के कारण एवं इसके प्राकृतिक सौंदर्य के कारण इसकी अलग ही पहचान है। वर्तमान सरकार ने गेटोलाव धाम क्षेत्र में सड़क निर्माण के लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग को 11 लाख रुपए भी स्वीकृत किए हैं। साथ ही अब राजस्थान शहरी पेयजल सीवरेज और इंफ्रास्ट्रक्चर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के माध्यम से अमृत योजना 2.0 के अंतर्गत गेटोलाव के सौंदर्यीकरण एवं नवनिर्माण कार्य के लिए 2.19 करोड़ रुपए की स्वीकृति जारी की गई है। इसके तहत गेटोलाव के सौंदर्यीकरण के साथ नए कार्य भी कराए जाएंगे।

‘पक्षी आश्रय स्थली’ के रूप में मिली थी पहचान

पूर्व विधायक शंकर शर्मा ने बताया कि गेटोलाव धाम की धार्मिक मान्यता एवं प्रसिद्धि के कारण इस स्थान को विधायक कार्यकाल में विकसित कर प्रदेश में इसे ‘पक्षी आश्रय स्थली’ के रूप में पहचान दिलाई थी। राज्यसभा सांसद, स्थानीय विधायक कोष, जल संसाधन विभाग, नगर परिषद सहित जिला प्रशासन दौसा के साथ-साथ आमजन के जुड़ाव व श्रमदान से इसे यह स्वरूप मिल पाया था, लेकिन विगत कांग्रेस सरकार में अनदेखी का शिकार होने के कारण इसे अव्यवस्थाओं का शिकार होना पड़ा था। अब भाजपा की सरकार ने फिर से राशि स्वीकृत कर गेटोलाव धाम की सुध ली है।

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जानें गेटोलाव धाम से जुड़ी 5 खास बातें

1. दौसा जिले में स्थित गेटोलाव धाम एक महत्वपूर्ण धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल है।
2. यह स्थान महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय के जीवन से जुड़ा होने के कारण काफी अहम है। क्योंकि दौसा में महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय का साल 1688 में जन्म हुआ था। कहा जाता है कि उन्होंने शुरूआती दिनों में यहां समय बिताया था।
3. गेटोलाव धाम में दादू दयाल महाराज और संत सुंदरदास के मंदिर हैं।
4. गेटोलाव धाम को मिनी पुष्कर और पक्षी आश्रय स्थल के रूप में भी जाना जाता है।
5. गेटोलाव धाम में सुंदर तालाब है, जहां लोग मछलियों को दाना खिलाने और घूमने के लिए आते है।


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