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राजस्थान में धीमा पड़ा भारी बारिश का दौर, लेकिन चौथे दिन भी इस बांध पर चल रही चादर

Morel Dam Latest Update: राजस्थान में एक सप्ताह से जारी भारी बारिश का दौर अब धीमा पड़ गया है। इसी बीच अच्छी ये है कि एशिया का सबसे बड़ा कच्चा डेम लगातार चौथे दिन भी छलक रहा है।

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दौसा

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Anil Prajapat

Jul 21, 2025

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मोरेल बांध। फोटो: पत्रिका

दौसा। राजस्थान में एक सप्ताह से जारी भारी बारिश का दौर अब धीमा पड़ गया है। लेकिन, 6 दिन बाद एक नया वेदर सिस्टम एक्टिव होगा। जिसके चलते 27 जुलाई से प्रदेश में फिर से झमाझम बारिश का दौर शुरू होगा। इसी बीच अच्छी ये है कि एशिया का सबसे बड़ा कच्चा डेम लगातार चौथे दिन भी छलक रहा है। मोरेल बांध पर सोमवार को तीसरे दिन भी एक फीट की चादर चल रही है।

दौसा व सवाईमाधोपुर जिले के हजारों किसानों के लिए लाइफ लाइन माने जाने वाले एशिया का सबसे बड़े कच्चा डेम मोरेल बांध पर इस मानसून सीजन में 18 जुलाई को चादर चलने लगी थी। मोरेल बांध पर सोमवार को लगातार चौथे दिन भी एक फीट की चादर चल रही है। हालांकि बारिश का दौर धीमा पड़ने से पानी की आवक में कमी हुई है। चादर चलने के बाद से ही बड़ी संख्या में लोग मोरेल बांध की वेस्ट वेयर पहुंच रहे हैं। पुलिस किसी को भी वेस्ट वेयर के नजदीक नहीं जाने दे रही। बता दें कि मोरेल बांध की भराव क्षमता 30 फीट 5 इंच है।

30 साल में पहली बार जुलाई में बांध ओवरफ्लो

लालसोट उपखंड के कांकरिया गांव के पास दौसा व सवाई माधोपुर के बीच मोरेल नदी पर इस बांध का निर्माण कार्य 1952 में हुआ था। वैसे तो यह बांध कई बार लबालब हो चुका है। लेकिन, इस मानसून सीजन में 2 रिकॉर्ड बने है। पहला यह बांध 30 साल में पहली बार जुलाई महीने में ओवरफ्लो हुआ है और दूसरा लगातार दूसरे साल इस बांध पर चादर चली है। बता दें कि 1982 की बाढ में यह बांध टूट गया था, तब देशभर में चर्चा का विषय बना था।

इन दो जिलों को होता है बांध से फायदा

मोरेल बांध को दौसा व सवाईमाधोपुर जिले के हजारों किसानों के लिए लाइफ लाइन माना जाता है। इस बांध से कुल 28 गांवों के किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिलता है। जिसमें दौसा जिले के 13 और सवाईमाधोपुर जिले के 15 गांव शामिल हैं।