10 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

राजस्थान के इस हनुमान मंदिर में भूत भी थर-थर कांपते है, लेकिन भूलकर भी यहां से घर ना ले जाएं ये चीज

Hanuman Jayanti 2025: मेहंदीपुर बालाजी के दर्शन और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। बताया जाता है कि मेहंदीपुर धाम मुख्यत: नकारात्मक शक्ति एवं प्रेतबाधा से पीड़ित लोगों के लिए जाना जाता है।

2 min read
Google source verification

दौसा

image

Rakesh Mishra

Apr 11, 2025

Mehandipur Balaji Temple

Hanuman Jayanti 2025: राजस्थान में रामभक्त हनुमान को मानने वाले भक्तों और हनुमान मंदिरों की कोई कमी नहीं है। ऐसे में शनिवार को प्रदेश में हनुमान जयंती बड़े धूमधाम के साथ मनाई जाएगी। हालांकि राजस्थान में कई चमत्कारी मंदिर हैं। इसमें से एक है दो पहाड़ियों के बीच बना मेहंदीपुर बालाजी (Mehandipur Balaji Temple) का मंदिर। अरावली पर्वत पर बने इस मंदिर को एक हजार साल पुराना माना जाता है।

दौसा जिले में है मंदिर

यह मंदिर राजस्थान के दौसा जिले में स्थित है। मेहंदीपुर बालाजी के दर्शन और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। बताया जाता है कि मेहंदीपुर धाम मुख्यत: नकारात्मक शक्ति एवं प्रेतबाधा से पीड़ित लोगों के लिए जाना जाता है। मान्यता है कि नकारात्मक शक्ति से पीड़ित लोगों को यहां शीघ्र ही मुक्ति मिल जाती है।

बताया जाता है कि यहां बालाजी के सीने के बाईं ओर एक छोटा-सा छिद्र है। इसमें से जल बहता रहता है। बालाजी के दरबार में जो भी आता है, वह आरती में शामिल होकर आरती के छीटें जरूर लेता है। माना जाता है कि ऐसा करने पर रोग मुक्ति और ऊपरी चक्कर से रक्षा होती है।

मंदिर में तीन देवता विराजमान

इस मंदिर में 3 देवता विराजमान हैं, बालाजी, प्रेतराज और भैरव। इन तीनों देवताओं को विभिन्न प्रकार के प्रसाद चढ़ाए जाते हैं। बालाजी महाराज लड्डू से प्रसन्न हो जाते हैं। वहीं भैरव जी को उड़द और प्रेतराज को चावल का भोग लगाया जाता है।

बालाजी के धाम की यात्रा करने से कम से कम एक सप्ताह पूर्व प्याज, लहसुन, मदिरा, मांस, अंडा और शराब का सेवन बंद कर देना पड़ता है। कहा जाता है कि बालाजी को प्रसाद के दो लड्डू अगर प्रेतबाधा से पीड़ित व्यक्ति को खिलाया जाए तो उसके शरीर में स्थित प्रेत को भयंकर कष्ट होता है और वह छटपटाने लगता है।

यह वीडियो भी देखें

जान लीजिए यह नियम

आमतौर पर मंदिर में भगवान के दर्शन करने के बाद लोग प्रसाद लेकर घर आते हैं, लेकिन कहा जाता है कि मेहंदीपुर बालाजी मंदिर से प्रसाद को घर नहीं लाना चाहिए। कहा जाता है कि ऐसा करने से आपके ऊपर प्रेत साया आ सकता है। बालाजी के दर्शन के बाद घर लौटते वक्त यह देख लेना चाहिए कि आपकी जेब या बैग में खाने-पीने की कोई भी चीज न हो।

कहा जाता है कि यहां आने वाले श्रद्धालु जितने समय तक बालाजी की नगरी में रहता, उसे ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। जो भी यहां के नियमों का पालन नहीं करता है, उसे पूरा फल नहीं मिलता और अनिष्ट की आशंका बनी रहती है। यहां पर चढ़ने वाले प्रसाद को दर्खावस्त या अर्जी कहते हैं। मंदिर में दर्खावस्त का प्रसाद लगने के बाद वहां से तुरंत निकलना होता है, जबकि अर्जी का प्रसाद लेते समय उसे पीछे की ओर फेंकना होता है। प्रसाद फेंकते वक्त पीछे की ओर नहीं देखना चाहिए।

यह भी पढ़ें- राजस्थान का एकमात्र मंदिर, जहां दाढ़ी-मूंछ वाले हनुमान जी के होते हैं दर्शन; जानें अनोखा इतिहास